बिहार में जदयू लाया अपने संविधान में संशोधन का प्रस्ताव, राष्ट्रीय अध्यक्ष को दिया ये अधिकारी
JDU के प्रस्ताव में यह प्रविधान है कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ही जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे। संशोधन में यह जोड़ा जाएगा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष को यह अधिकार होगा कि संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के लिए वह किसी का मनोनयन कर सकेंगे।
राज्य ब्यूरो, पटना : जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शनिवार को यह प्रस्ताव भी लिया गया कि जदयू के संविधान की धारा 28 में संशोधन किया जाएगा। इस धारा में यह प्रविधान है कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ही जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे। संशोधन में यह जोड़ा जाएगा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष को यह अधिकार होगा कि संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के लिए वह किसी का मनोनयन कर सकेंगे। यह प्रस्ताव भी लिया गया कि अगले माह पटना में जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी। अभी इसकी तारीख तय नहीं हुई है पर संभावना कि यह बैठक 15 अगस्त के बाद होगी।
जनसंख्या नियंत्रण जबरन नहीं व दंड का प्रविधान उचित नहीं
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने जनसंख्या नियंत्रण के संबंध में यह महत्वपूर्ण प्रस्ताव लिया कि यह जबरन हो इसका पार्टी विरोध करती है। इसके अतिरिक्त जनसंख्या नियंत्रण के संबंध में किसी तरह के दंड की कोई व्यवस्था नहीं होनी चाहिए। बता दें कि शनिवार को दिल्ली के जंतर-मंतर स्थित जदयू के राष्ट्रीय कार्यालय में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। इसमें सर्वसम्मति से राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को पार्टी का नया अध्यक्ष चुन लिया गया। इसके साथ पार्टी के अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांतपद पर चलते हुए जदयू प्रेसिडेंट पद से इस्तीफा दे दिया। आरसीपी हाल ही में नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं। अध्यक्ष पद के लिए उपेंद्र कुशवाहा का नाम भी चर्चा में था। जदयू के नेताओं का कहना था कि पार्टी के लोग चाहते हैं कि उपेंद्र प्रदेश स्तर पर अधिक सक्रिय दिखें। चर्चा तो बशिष्ठ नारायण सिंह को लेकर भी थी पर सारे कयासों पर विराम लग गया। अंत में मुंगेर से लोकसभा सदस्य राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को पार्टी की कमान सौंप दी गई।