Move to Jagran APP

हरिवंश के बहाने NDA में बढ़ा JDU का कद, बिहार के साथ झारखंड और यूपी को भी साधा

सांसद हरिवंश के राज्‍यसभा का उपसभापति बनाए जाने से एनडीए में जदयू का कद बढ़ गया है। इसे लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए की दूरगामी रणनीति माना जा रहा है। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें खबर।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 09 Aug 2018 07:41 PM (IST)Updated: Fri, 10 Aug 2018 11:58 PM (IST)
हरिवंश के बहाने NDA में बढ़ा JDU का कद, बिहार के साथ झारखंड और यूपी को भी साधा
हरिवंश के बहाने NDA में बढ़ा JDU का कद, बिहार के साथ झारखंड और यूपी को भी साधा

पटना [भुवनेश्वर वात्स्यायन]। हरिवंश के बहाने एनडीए में जदयू का डंका बज गया है। हरिवंश की पात्रता पर शायद ही कहीं से कोई टिप्पणी हो पर राज्यसभा के उपसभापति का पद जदयू को दिया जाना 2019 की रणनीति का भी एक बड़ा हिस्सा माना जा रहा है। यह साफ है कि बात तो नीतीश कुमार के मन की हुई पर बिहार के साथ-साथ यूपी और झारखंड को भी साधा गया है।

loksabha election banner

आश्वस्त थे नीतीश

बिहार में जदयू और भाजपा की सरकार बनने के बाद जब केंद्र में मंत्रिमंडल का विस्तार हो रहा था तो उस समय इस बात की खूब चर्चा हुई थी कि जदयू के एक राज्यसभा सांसद को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी। पर आखिर समय में जदयू को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। इस बात को लेकर कड़वाहट की चर्चा भी थी। वैसे जदयू की ओर से आधिकारिक तौर पर यह कहा गया था कि मंत्रिमंडल में जदयू के शामिल होने को लेकर किसी तरह की कोई बात ही नहीं थी।

मंत्रिमंडल विस्तार के काफी वक्त बीत गए हैैं। अचानक यह चर्चा तेज हुई कि राज्यसभा में उपसभापति का पद जदयू को मिल रहा है। कहकशां परवीन का नाम भी आया पर पिछले सोमवार को हरिवंश का नाम काफी तेजी से सामने आया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हरिवंश के नाम आने के कुछ ही घंटे बाद इस बात की खुद पुष्टि कर दी थी कि हरिवंश के नाम पर सहमति हो गई है। इसका असर जदयू और भाजपा के रिश्ते पर खास तौर पर दिखेगा। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा था कि नीतीश कुमार ने अपने संबंधों के आधार पर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों से हरिवंश के लिए समर्थन मांगा।

एक साथ तीन राज्यों का कनेक्शन

हरिवंश के बहाने एनडीए ने झारखंड और यूपी को भी साधा है। हरिवंश बिहार से जदयू के राज्यसभा सदस्य भले हैैं पर उनका पता झारखंड का है। लंबी अवधि तक झारखंड उनका कर्मक्षेत्र रहा है। उनकी पत्नी चंपारण की हैं। उनका पैतृक गांव उत्‍तर प्रदेश में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान इस बात का खासतौर पर जिक्र भी किया। बनारस कनेक्शन की भी बात की।

पहली बार शरद ने हरिवंश का नाम किया था सार्वजनिक

यह संयोग है कि हरिवंश को राज्यसभा भेजे जाने की बात पहली बार शरद यादव ने सार्वजनिक की थी। पटना स्थित एसके मेमोरियल हॉल मे 24 जनवरी 2014 को जननायक कर्पूरी ठाकुर की स्मृति में कार्यक्रम का आयोजन था। उक्त कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे। अपने संबोधन के दौरान शरद ने एनके सिंह, शिवानंद तिवारी और साबिर अली की जगह हरिवंश, रामनाथ ठाकुर और कहकशां परवीन को राज्यसभा में भेजे जाने के फैसले की जानकारी दी थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.