जदयू ने हार गए अपने प्रत्याशियों से मंगा ली रिपोर्ट, अध्ययन शुरू
अधिकांश हारे हुए प्रत्याशियों ने लोजपा काे जिम्मेदार बताया । जदयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह अब खुद रिपोर्ट पर बात करेंगे । मुख्यालय स्तर से पार्टी की एक टीम भी रिपोर्ट की हकीकत की जांच को क्षेत्र में जाएगी।
पटना, राज्य ब्यूरो । जदयू के प्रदेश नेतृत्व ने विधान सभा चुनाव में अपने हार गए प्रत्याशियों से हार के कारणों से जुड़ी रिपोर्ट मंगा ली है। अब इसका अध्ययन हो रहा है। हारे हुए प्रत्याशियों से कई स्तर पर बात भी हुई है। जदयू प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह से जब इस संबंध में बात हुई तो उन्होंने कहा कि रिपोर्ट तो मिली है। अब उनकी हकीकत सत्यापित किए जाने को ले मुख्यालय से टीम क्षेत्रों का भी भ्रमण करेगी। उन लोगों से बात भी संभव है जिन पर यह आरोप है कि चुनाव में उनकी सक्रियता दल के प्रत्याशी के पक्ष में नहीं रही।
केवल प्रत्याशी की रिपोर्ट ही काफी नहीं
जदयू के प्रदेश नेतृत्व का कहना है कि केवल प्रत्याशी की रिपोर्ट के आधार पर ही हार के कारणों पर पहुंचना संभव नहीं। मुख्यालय स्तर से संगठन के लोगों को संबंधित क्षेत्र में भेजकर पूरी वस्तुस्थिति का आकलन किया जाएगा। इससे रिपोर्ट की जांच भी हो जाएगी। यह भी जानना संभव होगा कि कहीं किसी खुन्नस में रिपोर्ट तो तैयार नहीं की गयी।
प्रदेश अध्यक्ष स्वयं भी उन लोगों से बात करेंगे जिन पर निष्क्रियता का आरोप
जदयू के हार गए प्रत्याशियों ने जो रिपोर्ट भेजी है उनमें कई ने अपने दल के ही कुछ लोगों पर चुनाव के दौरान निष्क्रिय रहने का आरोप लगाया है। इनमें कुछ के बारे में यह कहा गया है वे खुद उम्मीदवार थे। टिकट नहीं मिल पाने की वजह से निष्क्रिय हो गए। कुछ मैदान में भी थे। ऐसे लोगों से जदयू प्रदेश अध्यक्ष खुद भी बात करेंगे। संगठन के वैसे लोगों से भी बात होगी जिन्हें जिम्मेवारी दी गयी थी पर उनके बारे में भी यह कहा जा रहा कि वे सक्रिय नहीं थे।
अधिकतर मामले में लोजपा प्रत्याशी की वजह से खेल बिगड़ा
जदयू के पास हार गए प्रत्याशियों की जो रिपोर्ट पहुंची है उसमें अधिकतर में यह जिक्र है कि लोजपा प्रत्याशी के खड़ा हो जाने से उनका मामला बिगड़ गया। एनडीए गठबंधन के जो वोट मिलते उसका हिस्सा लोजपा प्रत्याशी को भी गया। लोजपा ने वैसे लोगों को टिकट दिया जो लंबी अवधि से भाजपा के लिए सक्रिय थे। सीट शेयरिंग में सीट का मामला सेट नहीं होने की वजह से वे लोजपा के साथ हो गए।