तीन मृतकों पर दर्ज हो गई एससी-एसटी एक्ट में प्राथमिकी
होली के दिन गाना बजाने को लेकर जानीपुर थाना क्षेत्र में हुए बवाल का मामला
By Edited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 01:29 AM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 01:30 AM (IST)
फुलवारीशरीफ (पटना)। होली के दिन गाना बजाने को लेकर जानीपुर थाना क्षेत्र में हुए बवाल पर तीन मृतकों के खिलाफ मारपीट और एससी-एसटी एक्ट में प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोपितों में एक नेत्रहीन और दो ऐसे व्यक्तियों के नाम शामिल हैं, जो महीनों से गांव नहीं आए हैं। पुलिस ने इस मामले में सात अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया। घटना की जांच किए बिना आरोपितों की गिरफ्तारी पर पुलिस एक बार फिर घिर गई है। एसएसपी गरिमा मलिक ने मामले को गंभीर बताया है।
उन्होंने कहा कि जांच कर दोषी लोगों पर ही कार्रवाई की जाएगी। निर्दोष लोगों को परेशान नहीं किया जाएगा। 21 मार्च को मुर्गीयाचक गांव के फरीदपुर पसरी के महादलित टोला में अश्लील गाना बजाने को लेकर दो पक्षों में बवाल हो गया था। इस मामले में पुलिस ने भूषण मांझी के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें 47 लोगों को नामजद किया गया। प्राथमिकी में आइपीसी के साथ एससी-एसटी एक्ट की धारा भी लगाई गई। नामजद अविनाश कुमार की सात साल, चंदेश्वर शर्मा की दस साल और यदुनंदन शर्मा की एक साल पहले मृत्यु हो चुकी है। वहीं, 50 वर्षीय रमेश शर्मा दोनों आंखों से देख नहीं सकते।
इसके अलावा दिल्ली में तैनात एयरफोर्स जवान अजीत कुमार तथा दवा कंपनी में कार्यरत श्रीनिवास शर्मा कई महीनों से गांव नहीं आए हैं। भूषण ने अपने बयान में कहा था कि नामजद अभियुक्तों ने 100 अज्ञात लोगों के साथ मिलकर जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए मारपीट की और झोपड़ियां जला दीं। पुलिस ने फौरन सात लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। प्राथमिकी में नामजद अन्य आरोपितों के घरों पर पुलिस दस्तक दे रही है।
उन्होंने कहा कि जांच कर दोषी लोगों पर ही कार्रवाई की जाएगी। निर्दोष लोगों को परेशान नहीं किया जाएगा। 21 मार्च को मुर्गीयाचक गांव के फरीदपुर पसरी के महादलित टोला में अश्लील गाना बजाने को लेकर दो पक्षों में बवाल हो गया था। इस मामले में पुलिस ने भूषण मांझी के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें 47 लोगों को नामजद किया गया। प्राथमिकी में आइपीसी के साथ एससी-एसटी एक्ट की धारा भी लगाई गई। नामजद अविनाश कुमार की सात साल, चंदेश्वर शर्मा की दस साल और यदुनंदन शर्मा की एक साल पहले मृत्यु हो चुकी है। वहीं, 50 वर्षीय रमेश शर्मा दोनों आंखों से देख नहीं सकते।
इसके अलावा दिल्ली में तैनात एयरफोर्स जवान अजीत कुमार तथा दवा कंपनी में कार्यरत श्रीनिवास शर्मा कई महीनों से गांव नहीं आए हैं। भूषण ने अपने बयान में कहा था कि नामजद अभियुक्तों ने 100 अज्ञात लोगों के साथ मिलकर जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए मारपीट की और झोपड़ियां जला दीं। पुलिस ने फौरन सात लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। प्राथमिकी में नामजद अन्य आरोपितों के घरों पर पुलिस दस्तक दे रही है।
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