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बिहार में कम नहीं हो रहीं कांग्रेस की चुनौतियां, क्रॉस वोटिंग हुई तो होगा बड़ा नुकसान

बिहार कांग्रेस की गुटबंदी का असर राज्यसभा की छह सीटों के चुनाव पर पड़ना तय माना जा रहा है। चुनाव में महागठबंधन को क्रॉस वोटिंग की आशंका है। अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस को नुकसान होगा।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 23 Jan 2018 01:18 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jan 2018 11:09 PM (IST)
बिहार में कम नहीं हो रहीं कांग्रेस की चुनौतियां, क्रॉस वोटिंग हुई तो होगा बड़ा नुकसान
बिहार में कम नहीं हो रहीं कांग्रेस की चुनौतियां, क्रॉस वोटिंग हुई तो होगा बड़ा नुकसान

पटना [राज्य ब्यूरो]। लोकसभा चुनाव में भले ही अभी देर हो, लेकिन राज्यसभा की छह सीटों के चुनाव को लेकर बिहार में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई हैं। नीतीश कुमार के महागठबंधन से अलग होने के बाद बदली हुई परिस्थितियों में होने वाले राज्यसभा चुनाव में महागठबंधन को क्रॉस वोटिंग की आशंका डरा रही है। इसकी वजह है कांग्रेस की अंतर्कलह। अगर क्रॉस वोटिंग हुई तो कांग्रेस को नुकसान होगा।

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कांग्रेस नेतृत्व ने जिस अंदाज में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक चौधरी को हटाया उसको लेकर पार्टी के अंदर गहरा असंतोष है। कहा जा रहा है कि डॉ. चौधरी के साथ तकरीबन दर्जन भर विधायक हैं। एनडीए की नजर कांग्रेस के अशोक चौधरी के नेतृत्व वाले इन्हीं बागी विधायकों पर टिकी हुई है। इसके लिए जोड़तोड़ चल रही है।

राज्यसभा की एक सीट के लिए किसी भी दल को कम से कम 35 विधायकों के साथ की दरकार होगी। वर्तमान में बिहार विधानसभा की दलीय स्थिति के अनुसार राजद के 79 विधायक हैं। दूसरे नंबर पर जनता दल यू है। जदयू के पास 71 विधायक हैं। तीसरे नंबर है भाजपा जिसके पास 52 और कांग्रेस के पास 27 विधायक हैं। इन प्रमुख दलों के अलावा लोजपा और रालोसपा के पास दो-दो,  भाकपा माले के पास तीन, हम के पास एक विधायक है। चार निर्दलीय विधायक भी हैं।

महागठबंधन में अब चूंकि नीतीश कुमार नहीं हैं, ऐसे में महागठबंधन में सिर्फ राजद-कांग्रेस बचते हैं। राजद-कांग्रेस गठबंधन को मिलाने पर कुल विधायकों की संख्या 106 हो जाती है। महागठबंधन को राज्यसभा की तीन सीटों को जीतने के लिए एक सौ पांच वोट की ही जरूरत है। लेकिन, इसके लिए जरूरी है कि कांग्रेस विधायक दल एकजुट रहे।

इधर जदयू, भाजपा, लोजपा, रालोसपा और हम के विधायकों को मिलाकर एनडीए की ताकत 128 सीटों की है। एनडीए राज्यसभा की चार सीटें जीतने में तभी कामयाब हो पाएगा जब उसे 140 विधायकों का समर्थन मिलेगा। यानी चार सीटों के लिए उसे एक दर्जन विधायकों का समर्थन बाहर से जुटाना होगा।


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