उमड़ती रही जिज्ञासा, थिरकती रहीं अंगुलियां
बात अपने बिहार के भविष्य की थी। आम से खास तक का साथी दैनिक जागरण था... एक मंच पर वो सब थे, जिनके हाथ बिहार की सत्ता सौंपी जानी है। जागरण फोरम के मंच पर नेताओं ने अपना एजेंडा रखा।
पटना [प्रदीप]। बात अपने बिहार के भविष्य की थी। आम से खास तक का साथी दैनिक जागरण था... एक मंच पर वो सब थे, जिनके हाथ बिहार की सत्ता सौंपी जानी है। जागरण फोरम के मंच पर नेताओं ने अपना एजेंडा रखा, लेकिन श्रोता बनी जनता में तो खून बिहार का ही था। हर किसी को ठोक-बजाकर ही विश्वास करने वाला। संशय हुआ तो सवालों के तीर चले... आम आदमी की आवाज थी, जिसे जागरण ने बुलंद की।
तीखे सवालों ने कई बार नेताओं का आत्मविश्वास भी हिला दिया। अपना एजेंडा सुनने का यह जुनून सोशल मीडिया और जागरण डॉट कॉम (www.jagran.com) पर भी खूब दिखा। कंप्यूटर नहीं तो मोबाइल ही सही। पल-पल उमड़ती जिज्ञासा शांत करने के लिए अंगुलियां थिरकती रहीं। हैशटैग जागरण फोरम (#JagranForum) के जरिए अपनी बात-जिज्ञासा उनके सामने रखी, जो सत्ता मांग रहे थे।
जागरण फोरम में बिहार की आवाज सुनने के लिए पूरा देश ठहरा रहा। बिहार का हर शख्स अपने चुनावी एजेंडे को लेकर बेकरार रहा। जागरण डॉट कॉम पर न्यूज लाइव होते ही जिज्ञासा आसमान पर पहुंच जाती। नेताओं की बात से तसल्ली न हुई तो अपनी बात रखने के लिए सोशल साइट पर पहुंच गए। मोबाइल पर थिरकती अंगुलियां बिहार के भविष्य को लेकर होने वाली चिंता की कहानी बयां कर रही थीं। हर उस मुद्दे पर बंबर ट्वीट हुए, जिन्होंने लोगों की रगों को दुखाया था।
जाति की राजनीति हो चाहे कानून व्यवस्था की बात हो, भ्रष्टाचार का दंश हो या विकास का काला इतिहास... हर मुद्दे पर लोगों ने जमकर ट्वीट कर अपनी बात कही। पूर्व मुख्यमंत्री और हम के अध्यक्ष जीतन राम मांझी के अंतरजातीय विवाह से ही खत्म होगी जाति प्रथा को लोगों ने खूब सराहा। @ravikumar23 ने ट्वीट किया, जाति के नाम पर वोट की राजनीति करने वालों को इससे कुछ सीखना चाहिए, तभी बिहार का विकास होगा।
विशेष राज्य का दर्जा मांगने का मुद्दा भी छाया रहा।
@anujrai09 ने ट्वीट किया कि खनिज संपन्न बिहार की आज ऐसी हालत किसने की, जिससे विशेष पैकेज मांगना पड़ रहा। उसे सामने आना चाहिए। चुनावी एजेंडे को लेकर भी सोशल मीडिया पर जमकर तकरार दिखी। किसी को बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं की जरूरत थी तो किसी को शिक्षा, बेरोजगारी की कमी सबसे अधिक परेशान कर रही थी। @rohit_kumaras ने ट्वीट किया कि प्रदेश का हर गांव युवाओं से खाली हो चुका है। वोट तो उसी को मिलेगा, जो नौकरी-पढ़ाई के लिए बाहर गए भाइयों को बिहार लाएगा।
जागरण न्यूज हैंडल से हुए ट्वीट पर भी लोगों ने जमकर अपनी बात रखी। री-ट्वीट और फेवरेट के जरिए यूजर्स जागरण फोरम के साथ जुड़े रहे। नेताओं की बात ठीक नहीं लगी तो तुरंत ही अपनी राय भी जाहिर की। सुबह दस बजे से हैशटैग जागरण फोरम के साथ चली ट्वीट की आंधी देर रात तक जारी रही।