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धर्म और संस्कृति बचाने को एकजुट होने की जरूरत

- गर्दनीबाग स्टेडियम में विश्व शांति सेवा समिति की ओर से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का हुआ समा

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Apr 2017 03:05 AM (IST)Updated: Wed, 19 Apr 2017 03:05 AM (IST)
धर्म और संस्कृति बचाने को एकजुट होने की जरूरत
धर्म और संस्कृति बचाने को एकजुट होने की जरूरत

- गर्दनीबाग स्टेडियम में विश्व शांति सेवा समिति की ओर से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का हुआ समापन

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- देवकीनंदन ठाकुर ने कथा को जीवन में आत्मसात करने की कही बात

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जागरण संवाददाता, पटना : भौतिकवादी समय में सभी लोग धर्म को झूठा साबित करने में लगे हैं। माया की आंधी में सभी बहे जा रहे हैं। ऐसे में लोगों का मन-मस्तिष्क दूषित होता जा रहा है। समाज में शांति और प्रेम का वातावरण बना रहे, इसके लिए श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन सराहनीय पहल है। ये बातें भागवत कथा मर्मज्ञ देवकीनंदन ठाकुर ने गर्दनीबाग मंगलवार को गर्दनीबाग स्टेडियम में भागवत कथा के समापन अवसर पर कही।

विश्व शांति सेवा समिति की ओर से आयोजित साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा के समापन पर देवकीनंदन ने गीतों और भजनों से भक्तों को भावविभोर कर दिया। ठाकुर ने कहा कि महाभारत में द्रौपदी का चीरहरण हुआ था लेकिन आजकल तो मान का हरण हो रहा है। द्रौपदी का चीरहरण तभी हुआ जब सभागार में बैठे लोग मौन धारण किए थे। इससे पूरी नारी जाति शर्मसार हो गई थी। समय के साथ लोगों के लिए धर्म के मायने भी बदल गए हैं। धर्म को अपने अनुसार लोग डिजाइन करने में लगे हैं। उन लोगों को विश्वास को और बल मिलता है जब धर्म से जुड़े लोग कुछ नहीं बोलते। ऐसे में लोगों को अपने धर्म और संस्कृति को बचाने के लिए एकजुट होना होगा। देवकीनंदन ने कहा कि कोई तो ऐसी शक्ति है जो संपूर्ण विश्व का संचालन कर रही है। पुराणों और ग्रंथों में लिखी बातों को लोग अपने-अपने तर्क से झुठलाने में लगे हैं। धर्म और संस्कृति को समाप्त करने पर लगे हैं। लेकिन ऐसा कुछ नहीं होगा। सत्य को कभी बदला नहीं जा सकता। ईश्वर सत्य है जिसे लोगों को मानना होगा। सत्संग के माध्यम से लोगों में धर्म के प्रति आस्था को मजबूत करना होगा। लोगों को सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने में सत्संग का अहम योगदान रहा है। कथा को अपने जीवन में उतारने से जीवन सुंदर हो जाता है। कथा समापन पर ठाकुर ने 'पत्थर की राधा प्यारी, क्यों इतना इतराये रे', 'ओ माटी के पुतले' आदि भजनों को पेश कर श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री गिरिराज सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।


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