Move to Jagran APP

बिहार में रिश्‍वतखोरों के लिए बच पाना अब और मुश्किल, CM नीतीश कुमार सीधे मुख्‍य जांच आयुक्‍त को दे सकते हैं जिम्‍मा

Bihar News बिहार में रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए सरकारी सेवकों के लिए अब बच पाना थोड़ा और मुश्‍कि‍ल हो जाएगा। ऐसे सरकारी सेवकों के खिलाफ चलने वाली विभागीय कार्यवाही के संचालन अधिकारी सिर्फ मुख्य जांच आयुक्त होंगे।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 11:34 AM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 11:34 AM (IST)
बिहार में रिश्‍वतखोरों के लिए बच पाना अब और मुश्किल, CM नीतीश कुमार सीधे मुख्‍य जांच आयुक्‍त को दे सकते हैं जिम्‍मा
बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए सरकारी सेवकों के लिए अब बच पाना थोड़ा और मुश्‍कि‍ल हो जाएगा। ऐसे सरकारी सेवकों के खिलाफ चलने वाली विभागीय कार्यवाही के संचालन अधिकारी सिर्फ मुख्य जांच आयुक्त होंगे। रिश्वतखोरी के अलावा दूसरे बड़े मामलों के संचालन की जिम्मेदारी भी उन्हीं के पास होगी। सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार के हवाले से गुरुवार को जारी आदेश में कहा गया है कि सभी विभाग इसका सख्ती से पालन करें। राज्‍य में भ्रष्‍टाचार के मामलों पर सीएम नीतीश कुमार शुरू से काफी सख्‍त रहे हैं। ऐसे मामलों में लापरवाही अब कतई नहीं चलेगी। इसे विभाग के स्‍तर से भी साफ कर दिया गया है। आपको बता दें कि हाल के महीनों में राज्‍य में भ्रष्‍ट लोकसेवकों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला तेज हुआ है।

loksabha election banner

छह साल पुराने आदेश का नहीं हुआ अनुपालन

हालांकि, सामान्य प्रशासन विभाग ने छह साल पहले भी ऐसा ही आदेश जारी किया था, लेकिन कुछ विभाग रिश्वतखोरी के मामलों में भी मुख्य जांच आयुक्त के बदले अन्य पदाधिकारी को संचालन अधिकारी बना रहे थे। एक और शिकायत यह मिल रही थी कि कभी-कभी विभागीय स्तर के छोटे मामलों में भी मुख्य जांच आयुक्त को ही संचालन अधिकारी बना दिया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग के ताजा आदेश के मुताबिक रिश्वतखोरी के अलावा गबन, बेईमानी जैसे गंभीर आरोपों के मामलों में ही मुख्य जांच आयुक्त को संचालन अधिकारी बनाया जाएगा।

सिर्फ मुख्‍यमंत्री के लिए अपवाद, पूरी करनी होगी प्रक्रिया

सामान्य प्रशासन विभाग ने किसी मामले में मुख्य जांच आयुक्त को संचालन अधिकारी बनाने का आग्रह करने से पहले प्रक्रिया का पालन करना होगा। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग और मुख्य सचिव की अनुमति लेनी होगी। सिर्फ मुख्यमंत्री का मामला अपवाद रहेगा। मुख्यमंत्री अगर किसी मामले में मुख्य जांच आयुक्त को संचालन अधिकारी बनाने का आदेश देते हैं तो यह बिना किसी प्रक्रिया के स्वीकार किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.