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बिहार के लोगों के लिए अब सांस लेना भी हो गया मुश्किल, हर जगह घुटने लगा है दम, यह है कारण

राजधानी पटना के अलावा मुजफ्फरपुर गया हाजीपुर छपरा एवं बिहारशरीफ में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंचा। बिहारशरीफ सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स 418 रिकार्ड किया गया। प्रदेश की भौगोलिक बनावट एवं मौसम को माना जा रहा प्रमुख कारण

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 06:56 AM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 06:56 AM (IST)
बिहार के लोगों के लिए अब सांस लेना भी हो गया मुश्किल, हर जगह घुटने लगा है दम, यह है कारण
बिहार के कई शहरों में खतरनाक स्‍तर पर पहुंचा प्रदूषण। फाइल फोटो

पटना, जागरण संवाददाता। प्रदेश में प्रदूषण की समस्या दिनोंदिन गंभीर होती जा रही है। राजधानी के अलावा मुजफ्फरपुर, गया, हाजीपुर, छपरा एवं बिहारशरीफ में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। मंगलवार को बिहारशरीफ राज्य का सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा। वहां पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 418 रिकार्ड किया गया। प्रदेश के कई शहरों के वातावरण में तो मानक से चार से पांच गुना अधिक प्रदूषण है। विशेषज्ञ इसका मुख्य कारण प्रदेश की भौगोलिक बनावट एवं मौसम को मान रहे हैं। 

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बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डा. अशोक कुमार घोष का कहना है कि बिहार समेत उत्तरी भारत के अधिकांश शहरों में प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब है। वहीं, दक्षिण भारत के शहरों में प्रदूषण की स्थिति बेहतर है। ऐसा नहीं कि वहां पर वाहन नहीं चलते हैं या उद्योग-धंधे नहीं हैं। दक्षिण भारत के शहरों को वहां का मौसम साथ दे रहा है, जबकि देश के उत्तरी हिस्से के शहरों में ऐसा नहीं हो पाता है। 

घने कोहरा के कारण स्थिति गंभीर 

विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदेश के आसमान में एक से डेढ़ किलोमीटर के ऊपर एक लेयर बन गया है। ऐसे में धरातल पर होने वाली मानवीय क्रियाओं से पैदा होने वाला प्रदूषण एवं धूलकण मानव स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहा है। वर्तमान में प्रदेश के वातावरण में एक गैस चैंबर बन गया है। ऐसे में धरातल पर होने वाली गतिविधियों जैसे वाहनों का संचालन, भवनों एवं सड़कों का निर्माण, उद्योग-धंधे आदि से फैलने वाला प्रदूषण आकाश में दो किलोमीटर से ऊपर नहीं जा पा रहा है। इसमें पश्चिम से आने वाली ठंडी एवं हिमालय की पर्वतमाला भी एक मुख्य कारण बन रहा है। 

  • 4 से पांच गुना मानक से अधिक प्रदूषण स्तर कई शहरों का
  • 100 से अधिक होने पर मानव स्वास्थ्य को पडऩे लगता है बुरा प्रभाव
  • 276 पर पहुंच गया है राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स

एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 से नीचे हो तो बेहतर 

किसी भी शहर की एयर क्वालिटी इंडेक्स अगर 50 से नीचे हो तो बहुत ही बेहतर माना जाता है। 100 से अधिक होने पर मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करने लगता है। 200 से ऊपर होने पर खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है। 300 से अधिक होने पर स्थिति काफी गंभीर हो जाती है।

मंगलवार को प्रदूषण की स्थिति

प्रमुख शहर :  एयर क्वालिटी इंडेक्स 

मुजफ्फरपुर :   330

छपरा :           340

हाजीपुर :        212 

बिहारशरीफ :  418 

गया :             242

पटना :            276 

देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहर 

दिल्ली :         333 

फरीदाबाद :   334 

गुरुग्राम :       336 

बहादुरगढ़  :  319 

मानेसर :       321 

दक्षिण भारत के प्रमुख शहर 

चेन्नई :             41

कोयंबटूर :       72 

मैसूर :             32 

नागपुर :          93

तिरुपति :        44 

तिरुवनंतपुरम : 38 


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