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IRCTC News: नेपाल में बैठ IRCTC की वेबसाइट में सेंध लगा रहा हामिद अंसारी, करोड़ों का कारोबार

IRCTC Tatkal Ticket news एएनएमएस व रेड मिर्ची को बंद कर हॉट चिल्ली व तत्काल स्पार्क के नाम से साफ्टवेयर बेच रहा है यह शख्‍स इसी साल जनवरी में आरपीएफ ने पूरे देश में छापेमारी कर ध्वस्त कर दिया था हामिद का नेक्सस

By Shubh NpathakEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 08:27 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 10:11 AM (IST)
IRCTC News: नेपाल में बैठ IRCTC की वेबसाइट में सेंध लगा रहा हामिद अंसारी, करोड़ों का कारोबार
यहां जानिए आपको क्‍यों नहीं मिल पाता रेलवे का तत्‍काल टिकट। जागरण

पटना [चंद्रशेखर]। आइआरसीटीसी (IRCTC) की वेबसाइट में सेंधमारी कर रेल टिकट (Tatkal Ticket) की बुकिंग करने के लिए साॅफ्टवेयर (Software) मुहैया कराने वाला हामिद अशरफ अंसारी (Hamid Ashraf Ansari) एक बार फिर से अपने पुराने धंधे में लौट आया है। उसने अपना ठिकाना नेपाल (Nepal) और दुबई (Dubai) को बना रखा है। भारत के सारे राज्यों में अपना एजेंट (Rail Ticket Agent) व सब एजेंट्स बनाकर ई टिकट के काले  कारोबार को संचालित कर रहा है।

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रेड मिर्ची और एएनएमएस को बंद कर शुरू किया चिल्‍ली और तत्‍काल स्‍पार्क का कारोबार

हामिद अंसारी ने अपने पुराने रेड मिर्ची (Red Mirchi) व एएनएमएस साॅफ्टवेयर (ANMS Software) को बंद कर हॉट के चिल्ली (Hot K Chilli) व तत्काल स्पार्क (Tatkal Spark) के नाम से नया साॅफ्टवेयर लांच किया है। इसी दोनों नाम से वह भारतीय ट्रेवल एजेंसियों (Travel Agency) को साॅफ्टवेयर मुहैया करा रहा है। केवल टिकट बुकिंग (Rail Ticket Booking) के साॅफ्टवेयर से वह प्रत्येक माह 60 से 70 करोड़ रुपये की कमाई कर रहा है। वह दो पीएनआर (PNR) के लिए 1500 रुपये, चार पीएनआर के लिए 3000 एवं छह पीएनआर के लिए 4000 रुपये लेता है। पेमेंट पेटीएम (Paytm अथवा फोन पे (Phonepay) से लिया जाता है।

आरपीएफ ने वैशाली के युवक को पकड़ा तो हुआ पर्दाफाश

इस बात का खुलासा तब हुआ जब आरपीएफ (RPF) की टीम को सूचना मिली कि वैशाली (Vaishali) में बैठा युवक दिल्ली (Delhi), मुंबई (Mumbai), पुणे (Pune), हैदराबाद (Haidarabad) आदि शहरों से धड़ल्ले से रेल टिकट की तत्काल बुकिंग कर रहा है। आरपीएफ की टीम ने जब रोहित नामक उस युवक को गिरफ्तार किया तब कई चौंकाने वाली बातों का पता चला। रोहित ने बताया कि वह हामिद अंसारी के लिए काम कर रहा है। वह टिकट बुकिंग के साथ-साथ हामिद के लिए साॅफ्टवेयर बेचने का भी काम करता है। इसके लिए उसे प्रति  साॅफ्टवेयर 400 से 500 रुपये मिल जाते हैं।

देश के हर बड़े शहर में बैठा हामिद का एजेंट

रोहित ने बताया कि हामिद ने बिहार के  लिए पहले जहां मनोज व रिजवान  को अपना एजेंट बना रखा था इस बार उसने उसके ही गांव के अविनाश सिंह को एजेंट बना रखा है। इसी तरह गुवाहाटी, डिब्रूगढ़,  पुणे, मुंबई, दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा, लखनऊ, हैदराबाद, बेंगलुरु,  चेन्नई, हैदराबाद, नागपुर आदि शहरों में भी मुख्य एजेंट बना रखा है।

एनी डेस्‍क एप के जरिये सीधे एजेंट को मिलता है सॉफ्टवेयर

रोहित ने बताया कि किसी भी ट्रेवल एजेंसी को साफ्टवेयर लेने के पहले उन्हें एनी डेस्क एप डाउनलोड (Anydesk app download) करना पड़ता है। इस एप के जरिये उनके इंजीनियर ट्रेवल एजेंट्स के लैपटॉप अथवा कंप्यूटर में प्रवेश कर उसे हैंडल करने लगते हैं। इसके बाद उसके कंप्यूटर में साॅफ्टवेयर डाला जाता है। वे लोग यूट्यूब के माध्यम से ग्राहकों को फंसाते हैं। यूट्यूब (youtube) पर ही उन्हें लिंक दिया जाता है।

बेंगलुरु से झारखंड निवासी गुलाम मुस्तफा हुआ था गिरफ्तार

ई टिकट (E-ticket) के काले कारोबार (Black marketing) का पहली बार तब पता चला था जब इसी साल जनवरी में ही आरपीएफ ने बेंगलुरु से झारखंड निवासी गुलाम मुस्तफा काे गिरफ्तार किया था। गुलाम का बस्ती निवासी हामिद अंसारी से काफी जुड़ाव था। गुलाम मुस्तफा के ही निशानदेही पर मनोज व रिजवान को भी दबोचा गया था। अधिकांश एजेंसी संचालक रेड मिर्ची साफ्टवेयर का प्रयोग कर आईआरसीटीसी के साफ्टवेयर में सेंधमारी कर रहे थे। राष्ट्रीय स्तर पर आरपीएफ की विशेष टीम गठित कर छापेमारी की गई थी।

आरपीएफ की छापेमारी में पकड़े गये थे 30 से अधिक ट्रेवल एजेंसी संचालक

आरपीएफ ने छापेमारी की तो 30 से अधिक ट्रेवल एजेंसी संचालक आरपीएफ के हत्थे चढ़े। इनके पास से करोड़ों का टिकट बरामद किया गया। गिरफ्तार एजेंसी संचालकों में विश्वकर्मा साइबर के संचालक उमेश कुमार, गौरव साइबर के संचालक राकेश कुमार, स्टूडेंट कार्नर के संचालक रुपेश कुमार, कृष्णा इंटाप्राइजेज के सीताराम गुप्ता, यश इंटरप्राइजेज के रंजीत कुमार, शांतनु खंडेलवाल, मनोज कुमार, इंद्रजीत सिंह, अजीत कुमार थे। हामिद अंसारी का नेक्सस ध्वस्त कर दिया गया था।

रेड मिर्ची व ब्लैक टीएस से शुरू किया था ई टिकट का काला कारोबार

ब्लैक टीएस और रेड मिर्ची नाम के साॅफ्टवेयर के जरिये हामिद ने यह धंधा शुरू किया। वर्ष 2018 में उसे ढूंढने के लिए मुंबई आरपीएफ पटना पहुंची। तब हामिद तो पुलिस के हाथ नहीं लगा, लेकिन उसके दो साथी जहानाबाद के रहने वाले मो. दाउद और मो. महबूब गिरफ्तार कर लिये गये। इन्‍हीं दोनों ने मो. हामिद अंसारी और गुलाम मुस्तफा के बारे में पुलिस को जानकारी दी। आरपीएफ को आशंका है कि हामिद अशरफ और कोई नहीं बल्कि हामिद अंसारी ही है। उसने फिलहाल अपना ठिकाना नेपाल से बदलकर दुबई कर दिया है।

कोलकाता में बना रखा है मजबूत नेटवर्क

रोहित ने पूछताछ के दौरान बताया कि हामिद ने फिर से अपना नेटवर्क शुरू कर दिया है। कोलकाता में उसका काम रेहान देख रहा है। कोलकाता और आसपास के शहरों में 5000 से अधिक साइबर कैफे हैं, जहां से हर  रोज तत्काल टिकट की बुकिंग होती है।


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