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Bihar: सिगरेट का कश लगाते ही रुक जाएगी ट्रेन, लापरवाही की तो गेट पर ही लगेगा जोरदार झटका

IRCTC Indian Railway News तेजस को राजधानी एक्सप्रेस के रैक से चलाने की योजना है। अब सिगरेट पीने से ट्रेन अपने आप रुक जाएगी। साथ ही गेट को ज्यादा देर तक छूने पर जोरदार झटका लगेगा। सिग्नल लाल कर बाहरी लोगों का अंदर घुसना संभव नहीं होगा।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sun, 29 Aug 2021 07:28 PM (IST)Updated: Sun, 29 Aug 2021 07:28 PM (IST)
Bihar: सिगरेट का कश लगाते ही रुक जाएगी ट्रेन, लापरवाही की तो गेट पर ही लगेगा जोरदार झटका
राजधानी एक्सप्रेस में लगा तेजस का रैक।

चन्द्रशेखर, पटना। IRCTC Indian Railway News: अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस तेजस को राजधानी एक्सप्रेस के रैक से चलाने की योजना है। रैक राजेन्द्र नगर कोचिंग कांप्लेक्स को मिल गया है। पहली सितंबर से चलने वाली तेजस-राजधानी के लिए राजेन्द्र नगर टर्मिनल के टिकट निरीक्षकों एवं कोच अटेंडेंट के साथ ही आइआरसीटीसी के कर्मियों को प्रशिक्षण मिलना शुरू हो गया है। इस दौरान वरीय अभियंताओं द्वारा रेलकर्मियों को तेजस की विशेषता से अवगत कराया जा रहा है। अब सिगरेट पीने से ट्रेन अपने आप रुक जाएगी। साथ ही गेट को ज्यादा देर तक छूने पर जोरदार झटका लगेगा। नई व्यवस्था से सिग्नल लाल कर ट्रेन को रोके जाने के बाद भी बाहरी लोगों का अंदर घुसना संभव नहीं होगा। 

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प्रशिक्षण के दौरान रेलकर्मियों को बताया गया कि नई नवेली राजधानी में फायर एंड स्मोक डिटेक्शन उपकरण लगाया गया है। इसके साथ ही स्मोक अलार्म भी है। ऐसे में चलती ट्रेन में अगर कोई सिगरेट का कश लेगा तो ट्रेन अपने आप रुक जाएगी। इतना ही नहीं ट्रेन की बोगियों में लगे क्लोज सर्किट कैमरे से सिगरेट पीने वाले यात्री की तत्काल पहचान कर उनसे जुर्माना भी वसूला जाएगा। ट्रेन में मेट्रो रेल की तरह आटोमेटिक प्लग डोर सिस्टम लगा हुआ। इसके कारण ट्रेन का गेट बंद रहने पर अगर दो बार कोई उसे छुएगा तो गेट फिर से खुल जाएगा। अगर तीसरी बार भी गेट से कोई सट गया तो यह जोरदार धक्का देगा। गेट बंद होने के बाद ही ट्रेन रवाना होगी।

अपने आप लाक हो जाएंगे गेट

चलने के पांच सेकेंड के बाद ही पूरी ट्रेन का गेट स्वत: लाक हो जाएगा। इसके बाद तभी यह गेट खुलेगा जब ट्रेन अपने ठहराव पर रुकेगी। कंट्रोल पैनल ट्रेन के गार्ड के पास होगा, जहां से यह आपरेट होगा कि प्लेटफार्म किस ओर है और उसी ओर का गेट खोला जाएगा। पूरी प्रक्रिया स्वचालित होगी।

बच्चों के लिए अलग व्यवस्था

इस ट्रेन में बच्चों को दूध पिलाने के लिए अलग से सीट की व्यवस्था की गई है। शौचालय से दुर्गंध बोगियों में न जाए इसके लिए इतेजाम है। वाश बेसिन के पास हैंड ड्रायर लगाया गया है। सेंसरयुक्त नल लगाए गए हैं, जिससे बगैर टच किए ही हाथ नीचे ले जाते ही पानी गिरने लगेगा। शौचालय खाली है या नहीं, किस ओर इंडियन है और किस वेस्टर्न है इसके लिए इंडीकेशन बोर्ड लगाया गया है। पानी का लेवल क्या है, इसकी जानकारी मिलती रहेगी। बोगी के अंदर दोनों तरफ बड़ा एलईडी स्क्रिन लगा रहेगा, जिस पर ट्रेन की गति, आने वाले स्टेशन का नाम व दूरी के साथ ही अन्य सूचनाएं दिखेंगी।

सीसीटीवी कैमरे से रहेगी नजर

ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टीकोण से काफी बेहतर उपाय किए गए हैं। ट्रेन के चप्पे-चप्पे पर नजर रखने के लिए क्लोज सर्किट कैमरे लगाए गए हैं। एक-एक बोगी में छह-छह कैमरे लगाए गए हैं। कैमरे से हुई रिकार्डिंग काफी दिनों तक रखी जा सकती है। 


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