Bihar : IPS आदित्य कुमार के पटना-यूपी के ठिकानों पर छापे, घर से 20 लाख बरामद, आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज
बिहार में निलंबित आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही कुमार के पटना और यूपी स्थित ठिकानों पर छापेमारी भी की जा रही है।
पटना (बिहार), एएनआई। बिहार में राज्य सतर्कता इकाई ने बुधवार को निलंबित आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी और गया के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार पर भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 1988 की धारा 13 (1) (बी) और 13 (2) और 120 (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
राज्य सतर्कता इकाई ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि आईपीसी के खिलाफ आय से अधिक 1.37 करोड़ रुपये की संपत्ति रखने के लिए मामला दर्ज किया गया है। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सतर्कता पुलिस की कई टीमों ने बिहार और उत्तर प्रदेश में कुमार की तलाश में छापेमारी भी की है।
राज्य सतर्कता इकाई (पटना) के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नैय्यर हसनैन खान ने एक बयान में कहा कि विशेष सतर्कता न्यायाधीश पटना की अदालत की ओर से इस मामले में जारी सर्च वारंट जारी किया गया है। इसके आधार पर बिहार के पटना, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और मेरठ में आईपीएस के घर और अन्य आवासीय परिसरों में तलाशी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि मामले की आगे की जांच जारी है। कुमार के खिलाफ पहले भी उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के नामों के कथित दुरुपयोग के संबंध में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
फरार आईपीएस आदित्य की तलाश तेज
मुख्य न्यायाधीश बनकर डीजीपी को फर्जी कॉल कराने के मामले में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी आदित्य कुमार की परेशानी बढ़ती जा रही है। पुलिस पहले से फरार आईपीएस आदित्य की तलाश में जुटी है दूसरी ओर उन पर आय से अधिक संपत्ति का मामला भी शुरू हो गया है।
बुधवार को विशेष निगरानी इकाई ने आईपीएस अफसर आदित्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करने के बाद उनके पटना, गाजियाबाद और मेरठ के ठिकानों पर एक साथ छापा मारा। जहां से अब तक 20 लाख नकद एक करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के तीन प्लाॅट के दस्तावेज बरामद किए गए हैं। आदित्य के बैंक खातों में 90 लाख जमा होने के प्रमाण भी विशेष निगरानी को मिले हैं।
पद का दुरुपयोग कर जमा की अकूत संपत्ति
विशेष निगरानी इकाई से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय पुलिस सेवा के पदाधिकारी के रूप में गया के एसएसपी समेत अन्य पदों पर रहते हुए आदित्य कुमार ने अपने पद का दुरुपयोग कर अकूत संपत्ति अर्जित की। पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद आदित्य के खिलाफ एसवीयू ने वेतन के अलावा 1.37 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित करने का मुकदमा दर्ज किया है। उन्होंने आय से करीब 131 प्रतिशत अधिक कमाई की। इसके बाद आदित्य के ठिकानों पर छापा मारने के लिए निगरानी की विशेष कोर्ट से अनुमति ली गई।
एक साथ तीन स्थानों पर मारा गया छापा
बुधवार की सुबह आदित्य के दानापुर के वासीकुंज कांप्लेक्स के फ्लैट संख्या 505-बी, सेक्टर- 6 इंदिरापुरम गाजियाबाद के जनहितकारी अपार्टमेंट के फ्लैट संख्या 294, मेरठ के सुभाष नगर, सिविल लाइन की आवास संख्या 626, गली नं. आठ के मकान पर एक साथ छापा मारा। समाचार लिखे जाने तक आदित्य के ठिकानों पर छापामारी जारी थी।
घर से मिले 20 लाख बैंक में जमा हैं 90 लाख
विशेष निगरानी ने आधिकारिक तौर पर बताया कि आदित्य के ठिकाने से एयवीयू को अब तक 20 लाख नकद, विभिन्न बैंकों में जमा 90 लाख रुपये तथा शेयर, बॉन्ड एवं एफडी में पांच लाख रुपए के निवेश का पता चला है।
तीन प्लाॅट के दस्तावेज भी मिले
विशेष निगरानी इकाई को पटना, गाजियाबाद और मेरठ में इनकी जमीन (प्लॉट) होने की जानकारी मिली है। अबतक की जांच के अनुसार आदित्य ने पटना में आईसीएस कॉपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में 18 लाख रुपये की कीमत वाला भूखंड लिया है। इसके अलावा गाजियाबाद के वसुंधरा में उन्होंने 30 लाख और वासीकुंज सोसायटी पटना में जमीन पर करीब 60 लाख रुपये का निवेश किया है।
आईपीएस आदित्य का एक बैंक लॉकर सील
विशेष निगरानी के अनुसार छापामारी के दौरान आदित्य के स्टेट बैंक व अन्य बैंकों में अपने परिजनों के नाम पर विभिन्न प्रकार के निवेश के दस्तावेज साथ ही एक बैंक लॉकर की जानकारी भी मिली है। बैंक लॉकर को सील किया गया है। अभियुक्त ने पटना के वशीकुंज सोसायटी सगुना मोड़ के फ्लैट के इंटीरियर एवं विभिन्न प्रकार के कीमती सामनों का भी पता चला है। जिसकी कीमत 18 से 20 लाख रुपये आंकी गई है।
गया एसएसपी रहते विवादों में आए थे आदित्य
आदित्य कुमार पर गया के एसएसपी पद पर रहते हुए शराब माफिया से गठजोड़ के आरोप लगे थे। इसी मामले में उन्हें निलंबित किया गया था। इस मामले में उनकी शिकायत तत्कालीन आईजी ने पुलिस मुख्यालय से की थी। आरोप है कि इसी मामले को रफा-दफा करने के लिए आईपीएस आदित्य कुमार ने डीजीपी एसके सिंघल को फर्जी कॉल कराया था।