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मोतिहारी बस हादसे पर आपदा मंत्री के बदलते बयान, उठ रहे हैं कई सवाल!

मोतिहारी में हुए बस हादसे में कल से लेकर आज तक कई तरह की अफवाह और बयानबाजी चलती रही, जिसमें कई विरोधाभास नजर आ रहे। आपदा प्रबंधन मंत्री ने कहा है कि एक भी यात्री की मौत नहीं हुई है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 04 May 2018 05:10 PM (IST)Updated: Sat, 05 May 2018 09:06 PM (IST)
मोतिहारी बस हादसे पर आपदा मंत्री के बदलते बयान, उठ रहे हैं कई सवाल!
मोतिहारी बस हादसे पर आपदा मंत्री के बदलते बयान, उठ रहे हैं कई सवाल!

पटना [जेएनएन]। मोतिहारी के कोटवा में गुरुवार को हुए बस हादसे में कल से लेकर आज तक हुई बयानबाजी और बदलते घटनाक्रम पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं, जिसमें राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव का बयान आश्चर्यजनक है। गुरुवार को उन्होंने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए पुष्टि की थी कि 27 लोगों की मौत हुई है, लेकिन फिर शुक्रवार को उन्होंने अपना बयान बदल दिया।

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इसे चमत्कार ही कह सकते हैं कि एक बस 15 फीट नीचे गिरी और गिरते ही उसमें आग लग गई। धू-धूकर बस जल गई और अाज मिले अवशेष देखकर लग रहा है कि दुर्घटना कितनी भयावह रही होगी। लेकिन बस में सवार किसी यात्री की मौत नहीं हुई है, एेसा कहना है बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव का। जिसके बाद कई तरह के प्रश्न उठ रहे हैं।

कई तरह के विरोधाभास वाले बयान आते रहे

घटना के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने कई तरह की बातें बताईं। पहले खबर मिली कि 27 यात्रियों की झुलसकर मौत हो गई। फिर यह आंकड़ा बीस तक पहुंचा, फिर घटकर यह आंकड़ा सात तक पहुंचा लेकिन रात तक खोजबीन होने के बाद प्रशासन ने पुष्टि की कि किसी की भी मौत नहीं हुई थी।

आपदा प्रबंधन मंत्री ने कहा था-27 यात्रियों की मौत हुई, बदला बयान

वहीं, आपदा विभाग जो हादसे पर लोगों को सतर्क रहने और अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की बात करती है, अगर कहें तो वो विभाग भी गुरुवार को अफवाह का शिकार बन गया। बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव गुरुवार को बताया गया था कि मतिहारी से दिल्ली जा रही बस दुर्घटनाग्रस्त होने से 27 यात्रियों की मौत हो गई। लेकिन शुक्रवार को मंत्री ने अपना बयान बदलते हुए कहा कि  कोई मौत नहीं हुई और बस में वैसे भी सिर्फ 13 सवारियां ही थीं।

मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का भी एलान किया

गुरुवार को तमाम वेबसाइट पर खबरें चलीं और अाज की अखबारों में बस दुर्घटना हेडलाइन बनी, लेकिन इस हादसे में कितने लोगों की मौत हुई ये बस अफवाह बनकर रह गई है। हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने चल रहे कार्यक्रम में भाषण को रोककर मृतकों के प्रति गहरी संवेदना भी व्यक्त की तो वहीं चार-चार लाख मुआवजे की भी घोषणा कर दी। 

इस घटना पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर हादसे पर दुख भी जता दिया और मृतकों के परिजनों को मुआवजे का ऐलान भी कर दिया। बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने भी प्रेस नोट जारी कर दिया। मतलब सब कुछ बिना जांच पड़ताल के हो गया। 24 घंटे बाद पता चला कि दुर्घटना तो हुई ही नहीं।

शुक्रवार को बदल गया आपदा मंत्री का बयान

शुक्रवार को आपदा प्रबंधन मंत्री ने कहा कि हमने उस वक्त भी कहा था कि जो जिला पदाधिकारी की रिपोर्ट होगी उसके बाद ही कुछ कह सकते हैं। इतने लोगों के मरने की सूचना गलत थी, किसी की मौत नहीं हुई।13 लोग मुजफ्फरपुर से चले थे, 8 लोग अस्पताल पहुंच गए, बाकी बचे 5 लोग। न ही उनकी लाश मिली, न ही किसी की हड्डी मिली है न ही किसी की खोपड़ी। हो सकता है बाकि लोग खुद से हादसे की जगह से चले गए होंगे, इसका मतलब है कि कोई मरा नहीं।

दिनेश चंद्र यादव, आपदा प्रबंधन मंत्री, बिहार

अभी तक बना हुआ है सस्पेंस

बस हादसे के बाद मौत को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है। जांच टीम को एक भी डेडबॉडी नहीं मिली है। तिरहुत रेंज के कमिश्नर एचआर श्रीनिवास का कहना है कि बस को गड्ढ़े से बाहर निकाल लिया गया है। लेकिन, उसमें भी कोई डेडबॉडी नहीं है।

उन्होंने कहा है कि जांच अभी भी चल रही है। बाहर से टीम भी आई है। बस के अंदर या बाहर किसी व्यक्ति का अवशेष भी नहीं मिला है। कमिश्नर के मुताबिक किसी भी शख्स के फैमिली मेंबर ने यह दावा नहीं किया है कि उसके किसी परिजन की दुर्घटना में मौत हुई है। उन्होंने कहा कि आग लगने के बाद कई लोग ग्लास तोड़कर बाहर निकले हैं। बता दें कि गुरुवार की शाम बगरा के समीप बस पलट गई थी।

ऐसी थी खबर

ड्राइवर का बैलेंस बिगड़ने की वजह से एनएच-28 से बस उतरकर गडढे में गिर गई थी। इसके बाद इसमें आग लग गई थी। बताया जा रहा था कि इस हादसे में 27 लोग जिंदा जल गए हैं। जबकि, कई लोग घायल हुए हैं। ग्रामीणों की मदद से लोगों को हॉस्पिटल पहुंचाया गया था। लेकिन, किसी भी शख्स की लाश अभी तक नहीं मिली है।

ड्राइवर और खलासी पर दर्ज किया गया एफआइआर

मोतिहारी बस हादसे में चालक और खलासी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली गई है। पूर्वी चंपारण के कोटवा थानाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है। हालांकि अभी तक बस के ड्राइवर और खलासी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। हादसे के बाद से बस के कर्मचारी फरार हैं। लंबी दूरी की गाड़ी में दो ड्राइवर होते हैं लिहाजा अभी तक ड्राइवर की पहचान नहीं हो पाई है।

 पथ निर्माण मंत्री ने कहा-जांच है जारी, जल्द होगा खुलासा

उधर, बिहार के पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा है कि राज्य सरकार के अधिकारी जांच कर रहे हैं और जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा। मोतिहारी बस हादसे के बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए मुजफ्फरपुर से दिल्ली जाने वाली कई बसों को जब्त किया है। परिवहन विभाग ने करीब सात बसों को जब्त किया है। बसों को अहियापुर और पानापुर ओपी में रखा गया है।

 फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल की जांच की

कोटवा में गुरुवार को हुए बस हादसे के बाद  मुजफ्फरपुर से पहुंची फॉरेंसिंक टीम ने शुक्रवार को घटना की जांच की। एएफएलसी के डिप्टी डायरेक्टर सुरेश पासवान के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम ने घटनास्थल पर मौजूद साक्ष्य को एकत्र किया। टीम ने बस के अंदर भी गहनता से पड़ताल की। जले व अधजले साक्ष्य को एकत्र कर टीम अपने साथ ले गई है।

टीम ने इस संबंध में अभी कुछ भी नहीं बताया है। कहा है कि  जांच के बाद वास्तविक स्थिति का पता चलेगा। इधर एनडीआरएफ की टीम भी घटनास्थल व आसपास की तलाशी ले रही है। घटनास्थल के समीप गड़ढे में गोताखोर तलाशी कर रहे हैं। अभी तक किसी के शव मिलने की पुष्टि नहीं हुई है।

वहीं, बड़ी कार्रवाई करते हुए आज दिल्ली से मुजफ्फरपुर आ रही सात बसों को जब्त कर लिया गया है। ओवरलोडिंग और कागजात नहीं होने की वजह से ये कार्रवाई की गई है।


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