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राजधानी पटना में इंटरनेशनल हवाला कारोबार का भंड़ाफोड़, 25 लाख जब्‍त

राजधानी पटना में पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक्स मंडी के बीच चल रहे इंटरनेशनल हवाला कारोबार का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने 25 लाख रूपये के साथ स्‍थानीय सरगना को गिरफ्तार किया है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Wed, 07 Feb 2018 08:42 PM (IST)Updated: Thu, 08 Feb 2018 11:12 PM (IST)
राजधानी पटना में इंटरनेशनल हवाला कारोबार का भंड़ाफोड़, 25 लाख जब्‍त
राजधानी पटना में इंटरनेशनल हवाला कारोबार का भंड़ाफोड़, 25 लाख जब्‍त

पटना [जेएनएन]। बिहार की राजधानी पटना में पुलिस ने बुधवार को शहर के सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स मंडी के बीच चल रहे इंटरनेशनल हवाला कारोबार का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने स्थानीय सरगना पंकज अग्रवाल और ग्राहक अनिल मित्तल को उस वक्त गिरफ्तार किया, जब वे तीन लाख रुपये गुजरात भेजने की तैयारी कर रहे थे। हीरा व्यापारी अनिल मित्तल गुजरात के अहमदाबाद का रहने वाला है। वह यहां होटल पनाश में एक बुटिक एक्जीबिशन में शरीक होने आया था। यहीं से उसे रुपये मिले थे, जिसे वह नाजायज ढंग से अपने शहर में पहुंचाना चाहता था। पुलिस ने पंकज के ठिकाने से 24 लाख 60 हजार रुपये नकद, नोट गिनने वाली मशीन, सात मोबाइल, लैपटॉप, डीवीआर व स्टोरेज बॉक्स बरामद किए हैं।

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गुप्त सूचना पर हुई कार्रवाई

पुलिस कप्तान मनु महाराज को गुप्त सूचना मिली थी कि बाकरगंज के डोंडा साही कांप्लेक्स में स्थित बैग और कार के सामान बेचने वाली दुकान में हवाला का धंधा चल रहा है। एसएसपी के निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) राकेश कुमार दुबे के नेतृत्व में सहायक पुलिस अधीक्षक योगेंद्र प्रसाद और परीक्ष्यमान आइपीएस लिपि सिंह की टीम गठित की गई। टीम ने करीब दो घंटे तक दुकान के आसपास रेकी की, फिर धावा बोल दिया।

एक दिन में होती थी चार करोड़ की डील

पुलिस टीम जैसे ही दुकान के अंदर घुसी, पंकज का कलेक्शन एजेंट फरार हो गया। पंकज को पकड़कर पूछताछ की गई। पहले तो उसने पुलिस को गुमराह करने की पूरी कोशिश की, पर जब उसका मोबाइल और टैब खंगाला गया तो उसके पास कई सवालों के जवाब नहीं मिले। सख्ती बरतने पर वह तोते की तरह बोल पड़ा।

मोबाइल और टैब पर आए मैसेज को देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह एक दिन में औसतन चार करोड़ की डील करता था। तफ्तीश से यह भी मालूम हुआ कि छापेमारी से पूर्व उसे चार कॉल सिंगापुर और दो नेपाल से आई थीं।

प्रति लाख उसे तीन से पांच हजार तक का कमीशन मिलता था। उसके माध्यम से देश के विभिन्न शहर जैसे कोलकाता, दिल्ली, हैदराबाद, पुणे, बेंगलुरू, असम सहित अन्य में रुपये भेजने के प्रमाण मिले हैं। पंकज महज 600 वर्गफीट की दुकान के लिए डेढ़ लाख रुपये प्रतिमाह किराया भुगतान करता है।

कॉल कर फंस गया अनिल मित्तल

पुलिस टीम छानबीन कर ही रही थी, तभी अनिल मित्तल ने गुजरात के एक एजेंट के माध्यम से पंकज अग्रवाल को कॉल की। पंकज के बदले एएसपी राकेश कुमार दुबे ने कॉल रिसीव कर बातचीत की तो मालूम हुआ कि अनिल को तीन लाख रुपये गुजरात भेजना है।

पुलिस ने उसे धोखे से पंकज की दुकान पर बुलाया और गिरफ्त में ले लिया। अनुसंधान में पता चला कि हर पांच मिनट पर पंकज को रुपये ट्रांसफर करने के लिए कॉल आती थीं। कहा जा सकता है कि वह अपनी दुकान में देश व्यापी समानांतर बैंक चला रहा था।

कोड पर चलता है पूरा धंधा

हवाला का पूरा खेल कोड पर चलता है। पंकज ने बताया कि जिसे रुपये पहुंचाने होते हैं, उसे वाट्सएप पर सौ रुपये के नोट का नंबर भेजा जाता है। चंद मिनट में रुपये दूसरे शहर में पहुंच जाते हैं। जब रिसीवर उस नंबर के नोट को वहां के स्थानीय सरगना के हाथ में देता है तो उसे रकम मुहैया करा दी जाती है। वाट्सएप पर बातचीत के दौरान वे बहुत सावधानी बरतते हैं। उनके धंधे में लाख को केजी और करोड़ को टन लिखा जाता है। मसलन, किसी ने अगर तीन लाख रुपये पुणे पहुंचाने के लिए दिए हैं तो पंकज वहां के सरगना के वाट्सएप पर कोड वाले नोट के नंबर की तस्वीर के साथ तीन केजी लिखकर मैसेज भेजेगा। 


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