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दुधारू पशु का बीमा कराना बेहद फायदेमंद और किफायती, तीन साल की पालिसी लेने पर मिलती है छूट

पालतू पशुओं से है प्यार तो बीमा से इन्कार क्‍यों किफायती प्रीमियम और डिस्‍काउंट पर ले सकते हैं लाभ वित्तीय वर्ष 2019-20 की तुलना में प्रीमियम आय में 65 प्रतिशत की गिरावट कंपनियों को डेयरी उद्योग में दिलचस्पी एक -दो गाय की बीमा से परहेज

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 10:21 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 10:21 AM (IST)
दुधारू पशु का बीमा कराना बेहद फायदेमंद और किफायती, तीन साल की पालिसी लेने पर मिलती है छूट
आप भी करा सकते हैं अपने दुधारू पशु का बीमा। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

दिलीप ओझा, पटना। Bihar News: पालतू पशुओं को प्यार-दुलार देने में कोई कमी नहीं है, हालांकि उनका बीमा कराने में उदासीनता देखने को मिल रही है। साधारण बीमा कंपनियों के आंकड़े पर गौर करें तो वित्तीय वर्ष 19-2020 की तुलना में प्रीमियम राशि में 65 प्रतिशत से भी अधिक गिरावट दर्ज की गई है। सरकार की साधारण बीमा कंपनी यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को वित्तीय वर्ष 2019-20 में कैटल इंश्योरेंस के जरिए 4.37 करोड़ रुपये की प्रीमियम आय हुई थी। वर्ष 2021-22 में यह राजस्व घटकर 1.53 करोड़ रुपये पर आ गया। इसी अवधि में ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड प्रीमियम आय 1.32 करोड़ रुपये से घटकर 40.02 लाख रुपये पर पहुंच गई। 

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जानिए क्यों घट रही दिलचस्पी

डेयरी उद्योग से जुड़े लोग ही पशुओं का बीमा करा रहे हैं। दरअसल, डेयरी उद्योग संचालक बैंकों से फाइनेंस करा कर पशुओं को खरीदते हैं। इस स्थिति में बीमा अनिवार्य होता है। सामान्य किसानों को बीमा में दिलचस्पी नहीं है। दूसरी ओर बीमा कंपनियां भी बगैर फाइनेंस वाले पशुओं के बीमा में दिलचस्पी नहीं लेती हैं। वजह यह कि क्लेम करीब 400 प्रतिशत नुकसानदायक होता है। 50 हजार की गाय का वार्षिक प्रीमियम लगभग 2000 हजार रुपये होता है। गाय का डेथ सर्टिफिकेट देने पर कंपनी दावा भुगतान से इन्कार नहीं कर सकती है। फर्जीवाड़े की भी आशंका रहती है। इसलिए एक गाय या भैंस का बीमा कंपनी पर भारी पड़ता है।

100 में 10 दुधारू पशुओं का ही बीमा 

इस्टर्न जोन जेनरल इंश्योरेंस इंप्लाइज एसोसिएशन के अध्यक्ष सत्यनारायण प्रसाद ने कहा कि 100 में दस प्रतिशत ही दुधारू पशुओं का बीमा होता है। कुत्ता, बिल्ली, ऊंट, भालू, घोड़ा, बकरी, सूअर जैसे पशुओं के मामले में यह आंकड़ा और कम है। कुत्ता पालने वाले शैलेश कुमार ने कहा कि इसका बीमा मैं ही हूं। कंपनी से बीमा कराने मेें दावा भुगतान में बहुत परेशानी होती है। 

चार प्रत‍िशत पर होता है पशुओं का बीमा

पशुओं का बीमा चार प्रतिशत पर होता है। यह एकमुश्त और एक वर्ष के लिए होता है। तीन साल का बीमा लेने पर 25 प्रतिशत की छूट मिलती है। पांच साल की अवधि पर 40 प्रतिशत तक की छूट मिलती है। ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, मुजफ्फरपुर के वरीय मंडल प्रबंधक रविन्द्र कुमार रमण ने बताया कि पशुओं के मद में बैंक फाइनेंस घटा है। निजी बीमा कंपनियों की कैटल इंश्योरेंस में दिलचस्पी नहीं है। इसलिए प्रीमियम आय में गिरावट आई है। 


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