इंतजार है जारी... ‘आसमान के सुल्तान’ का आज होगा 'अभिनंदन'
आतंकी हमले के बाद एयर स्ट्राइक कर भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। लेकिन इस कार्रवाई में एक जांबाज जवान पाकिस्तान की सीमा में पहुंच गया। आज वो सुरक्षित वापस आ रहा है।
पटना [मनोज झा]।कहानी कोई फ़िल्मी नहीं, बल्कि दुश्मन की दहकती ज़मीन पर उस जांबाज देशभक्त की है, जिसने पूरी दुनिया, खासकर पाकिस्तान को यह बता दिया कि जंग हथियारों से नहीं, बल्कि हौंसले से लड़ी जाती है। हौंसला ऐसा कि दुर्घटनाग्रस्त लड़ाकू विमान से पैराशूट के सहारे पराई ज़मीन पर उतरने और पराये लोगों से चौतरफ़ा घिरे होने के बावजूद ज़ुबान से जो पहला बोल निकला, वह ‘हिंदुस्तान ज़िंदाबाद’ था।
दुश्मन देश में बेहद विकट हालात में फंसे जब इस ‘बब्बर शेर’ को घेरने की कोशिश की गई तो उसने अपनी पिस्तौल से दुश्मनों को ललकारा।इस जख्मी जांबाज को दुश्मनों ने आखिरकार क़ाबू में भले कर लिया हो, लेकिन उसके जज्बे और साहस ने पाकिस्तानियों को यह भलीभांति बता दिया कि जंग कोई कायरों का नहीं, बल्कि भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान जैसे महावीरों के बूते की बात है।
पिछले 48 घंटे से वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन दुनिया भर के मीडिया की सुर्ख़ियों में यों ही नहीं छाए हुए हैं। कश्मीर की सरहद पर जारी जबरदस्त तनाव और जंग जैसे हालात के बीच बुधवार की अलसुबह पाक वायुसेना की भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की हिमाक़त को पस्त करने वाले किरदारों में जाबांज अभिनंदन का नाम सबसे ऊपर है।
सरहद के चौकस निगहबान अभिनंदन का पहला हैरतअंगेज़ कारनामा तो यह है कि हवा में आमने-सामने की लड़ाई में उन्होंने अपने युद्धक विमान मिग-21 से पाक के अत्याधुनिक लड़ाकू विमान एफ-16 को मार गिराया। दुनिया भर की वायुसेना इस वाकये को दांतों तले अंगुली दबाकर देख रही है, क्योंकि तकनीक और मारक क्षमता के लिहाज़ से अमेरिकी एफ-16 को रूसी मिग-21 से काफी उन्नत और ताक़तवर माना जाता है।
बहरहाल, दुश्मन की नापाक हरकत को नाकाम करने के इस क्रम में उनका मिग-21 तकनीकी कारणों से दुर्घटनाग्रस्त हो गया, लेकिन अभिनंदन ने बाज़ की फुर्ती से पैराशूट की मदद ली और समय रहते खुद को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। दुर्योग यह रहा कि उनका पैराशूट पाकिस्तान की सीमा में उतरा।
वहां उतरते ही उन्होंने स्थानीय लोगों से इस इलाके के बारे में जानकारी ली तो उन्हें बरगलाया गया कि यह भारतीय क्षेत्र है। इस पर विंग कमांडर ने ज़ोर से ‘हिंदुस्तान ज़िंदाबाद’ का जयकारा लगाया। हालांकि स्थानीय लोगों की बाद की हरकतों से अभिनंदन को यह समझने में देर न लगी कि वह दुश्मन के जबड़े में फंस गए हैं। पाकिस्तानियों ने उन्हें जैसे ही घेरने की कोशिश की, विंग कमांडर ने अपनी पिस्तौल से गोलियां दागते हुए उन्हें ललकारा।
उन पर पत्थरों से हमला हुआ तो वह पानी में कूद पड़े और अपने पास मौजूद वायुसेना के अहम दस्तावेज़ों को चबाकर व पानी में बहाकर नष्ट करने लगे। आखिरकार पाक सैनिकों की मदद से उन्हें क़ाबू में कर लिया गया। उनसे ज़्यादती भी की गई, लेकिन अभिनंदन की हिम्मत और हौंसले को रत्ती भर नहीं हिला पाए।
आज कमांडर अभिनंदन वाघा के रास्ते स्वदेश लौट रहे हैं, लेकिन इस भारतीय जांबाज के हौंसले और जज़्बे को पाकिस्तान लंबे समय तक याद रखेगा। आइए, आसमान के इस सुल्तान का आज हम भी वाघा बार्डर पर अभिनंदन करते हैं।