अापके फेसबुक अकाउंट पर दूसरे की भी नजर, आयकर विभाग देख रहा स्टेटस
अब काला धन वालों की खैर नहीं। सोशल साइट्स पर अमीरी का प्रदर्शन अब महंगा पड़ेगा। आयकर विभाग फेसबुक आदि सोशल साइट्स पर अपलोड स्टेटस के आधार पर आपकी आय का आकलन कर रहा है।
पटना [जितेन्द्र कुमार]। फेसबुक यूजर्स की अमीरी आयकर विभाग को खूब पसंद आ रही है। पिक्चर एट एफिल टावर, इन्ज्वाइंग वेडिंग सेरेमनी एट मैरेज गार्डेन या ट्रैवलिंग टू अमेरिका जैसे अपलोड किए जाने वाले आपके स्टेटस को दोस्तों के साथ आइटी विभाग भी लाइक और शेयर कर रहा है। विभाग इन सूचनाओं के आधार पर आपकी हैसियत देख रहा है। फिर, कुछ गड़बड़ी मिली तो कार्रवाई भी करेगा।
देश-दुनिया में आपके सैर-सपाटे की जानकारी एकत्र करने में पहले पसीना बहाना पड़ता था। आपके घर में कब कौन उत्सव हुआ, डेकोरेशन कैसी थी, गहने और मैचिंग ड्रेस क्या थी, कैटरिंग के कैसे इंतजाम थे, ये सारी तस्वीरें सरकारी कंप्यूटर में शेयर और सेव हो रही हैं, ताकि जरूरत पडऩे पर इन्हें सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके।
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ऑनलाइन खरीद के आंकड़ों पर भी नजर
आयकर विभाग के पास अब पक्की सूचना आ रही है कि किसके घर में कब और कौन सा नया लग्जरी आइटम पहुंचा है। यह जानकारी आपके किसी पड़ोसी या विरोधी से नहीं, बल्कि ई-कॉमर्स कंपनियों से मिल रही है। कंपनियों से ऑनलाइन खरीद वाले सभी डाटा का आयकर विभाग ने अध्ययन शुरू कर दिया है।
कोई अधिकारी कर सकता है आकलन
आपकी ओर से दाखिल आयकर रिटर्न का कौन अधिकारी आकलन कर रहा है, इसकी थाह पाना सबसे मुश्किल होगा। ई-रिटर्न पोर्टल पर दाखिल जानकारी लॉटरी प्रणाली से देश के किसी भी हिस्से में कार्यरत आयकर अधिकारी के पास जा सकती है। संभव है कि पटना में दाखिल आयकर रिटर्न का असेसमेंट अहमदाबाद में बैठे अधिकारी कर रहे हों। गया और भागलपुर में कार्यरत आयकर अधिकारी मुम्बई, चेन्नई और गोवा में दाखिल रिटर्न का आकलन कर सकते हैं।
सर्टिफिकेट के बाद भी आकलन
आयकर विभाग की नोटिस पर चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) के सर्टिफिकेट से बड़ी राहत मिलती थी। राहत तो नए कानून में भी मिलेगी, लेकिन आयकरदाता को बैलेंस शीट देनी पड़ेगी। सीए के सर्टिफिकेट के बाद भी आपकी संपत्ति और रिटर्न का आकलन होगा। यदि सर्टिफिकेट गलत पाया गया तो जुर्माने का प्रावधान कर दिया गया है। आयकर विभाग की नई व्यवस्था में करवंचना के स्रोत पर पहरा लग गया है।
कहते हैं अधिकारी
इस बाबत प्रधान आयकर आयुक्त प्रशांत भूषण कहते हैं कि आयकर विभाग न तो कार्यालय बुलाएगा, न ही आपके घर जाएगा। सिर्फ डाटा संग्रह कर आपसे ई-मेल या पोर्टल पर जवाब की मांग करेगा। विभाग आपकी आमदनी का मिलान बच्चों की पढ़ाई, हवाई यात्रा, फोटो विद एफिल टावर, हॉस्पिटल के खर्च और खरीदारी के डाटा से कर रहा है। हर व्यक्ति के लिंक की पड़ताल डाटा आधारित हो रही है।
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