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बाढ़ की आशंका को देखते हुए बिहार सरकार ने लिया निर्णय, नावों पर बनी मोबाइल क्लीनिक

सूबे के करीब दो दर्जन जिलों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य से जुड़ी हर समस्या के समाधान की रणनीति बना ली है। विभाग ने बाढग़्रस्त आबादी को समय पर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नावों पर मोबाइल क्लीनिक की स्थापना की है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 01:51 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 01:51 PM (IST)
बाढ़ की आशंका को देखते हुए बिहार सरकार ने लिया निर्णय, नावों पर बनी मोबाइल क्लीनिक
बिहार में नाव पर होगी मोबाइल क्लीनिक। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना : सूबे के करीब दो दर्जन जिलों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य से जुड़ी हर समस्या के समाधान की रणनीति बना ली है। विभाग ने बाढग़्रस्त आबादी को समय पर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नावों पर मोबाइल क्लीनिक की स्थापना की है। नावों पर करीब तीन दर्जन से अधिक मोबाइल क्लीनिक बनाई गई हैं जो सड़क संपर्क भंग होने की स्थिति में पीडि़त के घर तक जाकर इलाज की सुविधा देंगी।

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स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार नावों पर बनी मोबाइल क्लीनिक को निर्देश दिए गए हैं कि प्रभावित इलाकों में यह क्लीनिक लगातार घूमती रहे, ताकि आवश्कता पडऩे पर व्यक्ति को घर के बाहर ही स्वास्थ्य सेवा मिल सके। नावों पर बनी मोबाइल क्लीनिक में दवाओं की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। यह दवाएं लोगों को मुफ्त मुहैया कराई जाएंगी।

विभाग की जानकारी के अनुसार नावों पर बने क्लीनिक में एक डाक्टर के साथ, एएनएम, पारा मेडिक्स भी तैनात रहेंगे। बता दें कि सूबे के करीब करीब 27 जिले बाढग़्रस्त होते हैं। इन जिलों के करीब 233 प्रखंड और साथ ही 2100 से अधिक ग्राम पंचायतें आशिक या पूरी तरह से बाढ़ से प्रभावित होती है। जिनकी चपेट में करीब डेढ़ करोड़ की आबादी आती है।

नवजात और गर्भवती के टीकाकरण के भी इंतजाम : महीने, डेढ़ महीने तक रहने वाली बाढ़ के दौरान नवजात ब'चों के साथ ही गर्भवती महिलाओं का नियमित टीकाकरण भी होता रहेगा। प्रखंड स्तर पर तैनात एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं ने पूर्व में ही वैसे परिवार जहां ब'चे का जन्म हुआ है और वैसे घर जहां कोई महिला गर्भवती है उनकी पहचान कर ली है। बाढ़ आने के स्थिति में भी पहचान हुए ब'चों और गर्भवती महिलाओं का समय पर टीकाकरण जारी रहेगा। टीकाकरण के साथ ही प्रसव की व्यवस्था के इंतजाम भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूर्व में ही किए जा चुके हैं। इसके लिए बकायदा मेटरनिटी हट भी बनाए गए हैं।


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