स्मार्ट सिटी की रेस में भागलपुर व मुजफ्फरपुर फिसड्डी, पटना का भी नहीं है बहुत अच्छा हाल
Smart City in Patna बिहार में स्मार्ट सिटी योजना की हालत हैरान करने वाली है। प्रदेश का एक भी शहर इस योजना में आगे नहीं बढ़ पाया है। पटना व बिहारशरीफ में भी अटकी हैं योजनाएं नए बदलाव से उम्मीद स्मार्ट सिटी योजनाओं को मिलेगी रफ्तार
राज्य ब्यूरो, पटना। केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने राजधानी पटना समेत बिहार के चार शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए चुना है। स्मार्ट सिटी मिशन की अवधि पांच साल है। आधा से अधिक समय बीत चुका है, बावजूद एक भी शहर ऐसा नहीं है, जहां स्मार्ट सिटी की योजनाएं ढंग से धरातल पर उतर पाई हैं। सबसे बुरा हाल भागलपुर और मुजफ्फरपुर शहर में स्मार्ट सिटी की योजनाओं का है। पटना में कई योजनाओं पर काम तो शुरू हुआ मगर अधिसंख्य अधर में लटकी हैं। कुछ ऐसा ही हाल बिहारशरीफ का भी है।
राज्य सरकार ने अब स्मार्ट सिटी की जवाबदेही आयुक्त के बजाय नगर विकास एवं आवास विभाग के जिम्मे दे दी है। उम्मीद है, नया बदलाव योजनाओं की सुस्ती दूर करेगा और स्मार्ट सिटी की दिशा में राज्य के चारों शहर तेज और बड़ा कदम आगे बढ़ाएंगे।
काम पूरा नहीं हुआ तो वापस लौट जाएगी राशि
स्मार्ट सिटी के लिए सबसे पहले बिहार के भागलपुर शहर का चयन 25 मई, 2016 को हुआ। चार साल से अधिक समय बीतने के बावजूद भागलपुर में दो माह पूर्व तक महज 60.29 करोड़ की दो ही योजनाएं शुरू हो पाई हैं। इसी प्रकार मुजफ्फरपुर को जून, 2017 में स्वीकृति मिली। साढ़े तीन साल बीतने के बावजूद एक माह पूर्व तक यहां एक भी योजना शुरू नहीं हो पाई थी जबकि अब महज डेढ़ वर्ष का ही समय बाकी है।
पटना को वर्ष 2017 व बिहारशरीफ को वर्ष 2018 में केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की स्वीकृति दी। इसके लिए राशि भी मुहैया कराई गई मगर यहां भी अपेक्षा के अनुसार काम नहीं हो पाया है। मुश्किल यह है कि अगर पांच साल में काम नहीं हुआ तो स्मार्ट सिटी योजना मद में आई हुई राशि वापस लौट जाएगी।
अन्य राज्यों में भी सचिव को ही जवाबदेही
बिहार के अलावा पंजाब, तेलंगाना, हरियाणा, झारखंड व छत्तीसगढ़ राज्यों में भी नगर विकास विभाग के सचिव या प्रधान सचिव को ही स्मार्ट सिटी कंपनी का अध्यक्ष बनाया गया है। अब बिहार में भी स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के अध्यक्ष नगर विकास विभाग के सचिव होंगे जो फिलहाल आनंद किशोर हैं।
स्मार्ट सिटी की सुस्त चाल
- 2016 में चुना गया भागलपुर, दो ही योजनाएं शुरू
- 2017 में चुना गया मुजफ्फरपुर, एक भी योजना शुरू नहीं
- 2017 में चुना गया पटना, अपेक्षति प्रगति नहीं, काम अधूरा
- 2018 में चुना गया बिहारशरीफ, यहां भी योजनाएं अधर में