छात्रा की आत्महत्या के मामले में हड़ताल पर गईं आइजीआइएमएस की नर्सें
आइजीआइएमएस में सोमवार को प्रिंसिपल और टीचर की प्रताडऩा से तंग आकर नर्सिग की छात्रा के आत्महत्या के मामले में मंगलवार को तूल पकड़ लिया। घटना से नाराज नर्स हड़ताल पर चलीं गई हैं।
पटना, जेएनएन। प्रिंसिपल और टीचर की प्रताडऩा से तंग आकर इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) की नर्सिग कॉलेज के फर्स्ट इयर की छात्रा खुशबू ने सोमवार को फंदे से लटक आत्महत्या कर ली थी। घटना के बाद हॉस्पिटल प्रशासन की कार्रवाई से नाराज नर्सों ने मंगलवार की सुबह बवाल शुरू कर दिया। गेट पर हंगामा कर रहीं नर्सों ने ओपीडी बंद कराने का प्रयास किया। कुछ देर बाद अस्पताल की सभी नर्सें हड़ताल पर चली गईं। हालत को देखते हुए परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
विदित हो कि आइजीआइएमएस में सोमवार को दोपहर में नर्सिग कॉलेज के फर्स्ट इयर की छात्रा खुशबू कॉलेज के हॉस्टल में ही फंदे पर झूलती मिली थी। जिसे गंभीर हालत में संस्थान के इमरजेंसी वार्ड के आइसीयू में भर्ती कराया गया था। जहां कुछ देर उसकी मौत हो गई थी। छात्राओं का आरोप था कि प्रिंसिपल और टीचर की प्रताडऩा से तंग आकर खुशबू ने आत्महत्या जैसा गंभीर कदम उठाया।
रोते हुए आई थी कमरे में और बंद कर लिया दरवाजा
जहानाबाद के नवादा निवासी खुशबू कुमारी फर्स्ट ईयर के सेकेंड सेमेस्टर की छात्रा थी। वह आइजीआइएमएस के नर्सिग हॉस्टल के ग्राउंड फ्लोर के कमरा नंबर 110 में रहती है। उसकी रूममेट दोपहर करीब 12 बजे मेस में खाना खाने गई थी। इस बीच वह रोते हुए आई। एक छात्र, खुशबू से रोने का कारण पूछी तो बगैर कुछ बोले खुद को कमरे में बंद कर ली। इसी बीच फर्स्ट फ्लोर की बालकनी में खड़ी ज्योति ने खिड़की से देखा कि खुशबू फंदे से लटक जान देने की कोशिश कर रही है। फिर वह शोर मचाते हुए दौड़कर ग्राउंड फ्लोर पर पहुंची। हॉस्टल में रहने वाली अन्य छात्रएं भी उपस्थित हो गईं। देखा दरवाजा बंद है। करीब 10 मिनट बाद दरवाजा तोड़ा गया, तो वह फंदे से लटक रही थी, लेकिन उसकी सांस चल रही थी। तब हॉस्टल परिसर में दो गाडिय़ां खड़ी थीं। छात्रओं का आरोप है कि अनुरोध के बाद गाड़ी मालिक कार देने से इंकार कर दिए। इस दौरान छात्रओं ने एंबुलेंस को फोन किया। 20 मिनट बाद एंबुलेंस आई और खुशबू को आईसीयू में भर्ती कराया गया। उसकी हालत गंभीर है। ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाली कुछ छात्रओं ने बताया कि वह प्रिंसिपल से मिलकर आई थी। शायद प्रिंिसपल उसका मोबाइल छीन ली थी, जिससे वह परेशान थी। रोते हुए वह कमरे में गई और दरवाजा बंद कर ली थी। खुशबू की तीन साल पहले शादी हुई है और अभी दो साल का एक बेटा भी है।
इंटर्नल परीक्षा को लेकर परेशान थी खुशबू
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) के निदेशक डॉ. एनआर विश्वास का कहना है कि मेडिकल एवं नर्सिग कॉलेज में समय-समय पर इंटर्नल परीक्षा होती रहती है। उसी तरह खुशबू की भी इंटर्नल परीक्षा कुछ दिन पहले हुइ्र्र थी। इंटर्नल परीक्षा में खुशबू का प्रदर्शन अच्छा नहीं था। इसको लेकर वह काफी गंभीर थी, जबकि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। इसी क्रम में उसने आत्महत्या जैसे गंभीर कदम उठा लिया होगा। हालांकि जो छात्र सामान्य परीक्षा में सफल नहीं होते हैं, उन्हें दो बार या तीन बार भी मौका दिया जाता है। इस दौर से सभी को गुजरना होता है। निदेशक ने कहा कि खुशबू की स्थिति पर अस्पताल प्रशासन की नजर है। उसे विशेष केयर में रखा गया है। रातभर उस पर विशेष नजर रखी जाएगी।