बिहार में होती है दूल्हों की किडनैपिंग, पुलिस की बढ जाती परेशानी
बिहार में वर का अपहरण कर शादी करने का रीति-रिवाज बहुत पुराना है। पकड़ुआ वर की संस्कृति काफी पुरानी है। शादी-ब्याह का मौसम आते ही पुलिस के लिए सरदर्द बन जाती है यह प्रथा।
पटना [राजीव रंजन]। बिहार में होने वाली अपहरण की घटनाएं केवल अपराध से ही जुड़ी नहीं हैं। बल्कि इनका अपना समाजशास्त्र भी है। राज्य पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के अनुसार बिहार में प्रतिदिन औसतन आठ लोगों का शादी के उद्देश्य से अपहरण होता है।
आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 के पहले 11 महीनों में राज्यभर से कुल 2877 लोगों का शादी के उद्देश्य से अपहरण किया गया।
राज्य पुलिस मुख्यालय का मानना है कि शादी के लिए होने वाली अपहरण की घटनाएं केवल राज्य की कानून-व्यवस्था से जुड़ा मामला नहीं है। बल्कि मूलरूप से यह एक सामाजिक समस्या है। शादी के लिए अपहरण की घटनाओं को लेकर राज्य के कई जिले अब कुख्यात होने लगे हैं।
इनमें बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, जहानाबाद, गया, नवादा, शेखपुरा, अरवल आदि शामिल हैं। अगर राज्य पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों पर नजर डालें तो स्पष्ट है कि शादी के लिए होने वाली अपहरण की घटनायें शादियों के मौसम में बढ़ जाती हैं।
इसमें वधूपक्ष के लोग अपनी जाति के किसी योग्य युवक का अपहरण कर उसका विवाह करा देते हैं। जबकि इस शादी की भनक तक युवक के घर वालों को नहीं लगने दी जाती है। यही स्थिति नाबालिग लडकियों का अपहरण कर उनसे जबरन विवाह का भी है।
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बिहार में विवाह के लिए होने वाली अपहरण की घटनाएं
वर्ष दर्ज मामला
2016 (नवंबर तक) 2877
2015 3001
2014 2533
2013 2922
प्रेम-प्रसंग में भागने की घटनाएं
वर्ष दर्ज मामले
2016 (नवंबर तक) 1415
2015 1229
2014 760
2013 881
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कहा एडीजी मुख्यालय ने-
थानों में अपहरण की सभी घटनाओं को दर्ज किया जाता है। चाहे वह फिरौती के लिए किया गया हो या फिर अन्य किसी कारण से। विवाह के लिए होने वाली अपहरण की घटनाएं केवल विधि-व्यवस्था या पुलिसिंग से जुड़ा मामला नहीं है। यह एक सामाजिक समस्या का रूप ले चुका है।
सुनील कुमार, एडीजी (मुख्यालय)