छपरा मिड डे मील केस : 23 बच्चों की हुई थी मौत, दोषी प्रिंसिपल को मिली जमानत
सारण जिले के धर्मासती गंडामन स्कूल में 16 जुलाई 2013 को मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत हो गई थी। इस घटना में आज स्कूल की प्रिंसिपल मीना देवी को हाइकोर्ट से जमानत मिल गई।
पटना [जेएनएन]। बिहार के चर्चित छपरा मिड डे मील मामले में 23 छात्रों की मौत के मामले में उम्र कैद की सजा पाई तत्कालीन प्रिंसिपल मीना देवी को पटना हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है। मीना देवी की जमानत याचिका पर न्यायमूर्ति किशोर कुमार मंडल की खंडपीठ ने सोमवार को सुनवाई की और अपना फैसला सुनाया।
गौरतलब है कि इस मामले में निचली अदालत ने मीना देवी को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए पटना हाई कोर्ट में अपील दायर की गयी थी, जिसपर आज सुनवाई की गई।
आपको बता दें कि इससे पहले निचली अदालत ने दोषी प्रिंसिपल मीना देवी को एक धारा में 7 साल और दूसरी धारा में 10 साल की सजा सुनाई थी और साथ ही अदालत ने मीना देवी पर 3 लाख 75 हजार का जुर्माना भी लगाया था।
2013 में हुई थी घटना
बिहार के सारण जिले के मशरक प्रखंड के धर्मासती गंडामन स्कूल में 16 जुलाई 2013 को मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत हो गई थी। 2013 में यह घटना बिहार की राजधानी पटना से 60 किमी दूर और छपरा से 25 किमी दूर मशरख ब्लॉक के दहरमासती गंडामन गांव के एक सरकारी प्राथमिक स्कूल में हुई थी।
मिड डे मील में बच्चों को दाल, चावल और सोयाबीन की सब्जी दिया गया था जिसे खाने के तुरंत बाद बच्चे बीमार होने लगे थे और 23 बच्चों की मौत हो गई थी।
मरने वालों में रसोईया भी थी शामिल
मिड डे मील खा कर बीमार हुए बच्चों को छपरा सदर अस्पताल ले जाया गया था जिसके बाद में हालत बिगड़ने पर रसोइये सहित 27 लोगों को पटना स्थित पीएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मरने वालों में 21 बच्चों के अलावा वह महिला भी शामिल थी, जिसने बच्चों के लिए भोजन तैयार किया था।