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बिहार विधान सभा में विधायकों पर लात-घूसे चलानेवाले पुलिसकर्मियों पर गाज गिरना तय

बिहार विधान सभा के स्पीकर विजय कुमार सिन्‍हा ने आज उच्‍च स्‍तरीय बैठक में दृश्य श्रव्य एवं साक्ष्य के आधार पर जांच आगे बढ़ाने का‍ निर्देश दिया। सख्‍त तेवर में कहा-सदन की गरिमा सबसे ऊपर मर्यादा तोडऩे वालों पर कठोर कार्रवाई होगी।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 11:04 PM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 07:50 AM (IST)
बिहार विधान सभा में विधायकों पर लात-घूसे चलानेवाले पुलिसकर्मियों पर गाज गिरना तय
बिहार विधान सभा अध्‍यक्ष विजय कुमार सिन्‍हा की तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार विधानसभा में बजट सत्र के दौरान संवैधानिक मर्यादा तोड़कर सदन के अंदर और बाहर विधायकों के साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई तय है। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इस मामले को सख्ती से लिया है। उन्होंने संबंधित वीडियो फुटेज के आधार पर दोषियों को चिह्नित करके कार्रवाई का आदेश दिया है।

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स्पीकर सिन्हा ने सदस्यों से किए गए दुर्व्‍यवहार की समीक्षा के लिए गुरुवार को अपने कार्यालय कक्ष में पटना प्रमंडल के आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल तथा पटना प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक संजय सिंह के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। इस दौरान अधिकारियों के साथ उन्होंने सभा सचिवालय के सीसीटीवी से लिए गए घटना का वीडियो फुटेज देखा। साथ ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा उपलब्ध कराए गए वीडियो फुटेज का भी अवलोकन किया। बैठक में आए अधिकारियों के आग्रह पर उन्हें संबंधित वीडियो फुटेज भी उपलब्ध कराया गया।

परिसर में दुर्व्‍यवहार तथा मर्यादा की लक्ष्मण रेखा लांघने की इजाजत नहीं

स्पीकर ने आयुक्त एवं पुलिस महानिरीक्षक को सदस्यों से दुर्व्‍यवहार के दोषी पुलिस कर्मियों की पहचान कर दृश्य, श्रव्य एवं साक्ष्य के आधार पर जांच करते हुए उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सदन की गरिमा सबसे ऊपर है। परिसर में दुर्व्‍यवहार तथा मर्यादा की लक्ष्मण रेखा लांघने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती। चाहे वह सदस्य हों या कोई पुलिस अथवा प्रशासनिक अधिकारी। हर हाल में सदस्यों के साथ सौम्य व्यवहार किया जाना चाहिए। सदस्यों के सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। बैठक में विधानसभा के प्रभारी सचिव भूदेव राय सहित सभा सचिवालय के अन्य पदाधिकारीगण भी मौजूद थे।

क्या है मामला

विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान 23 मार्च को विधानसभा परिसर में विधानसभा सुरक्षा प्रहरी की कमी के कारण मार्शल के साथ बिहार पुलिस के जवानों की प्रतिनियुक्ति की गई थी। सशस्त्र पुलिस विधेयक को पारित कराने के दौरान विपक्ष के हंगामे के बाद मामला विस्फोटक हो गया था। विपक्ष ने विधायकों के साथ मारपीट का आरोप लगाया था।


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