औरंगाबाद में शुरु हुआ पहला ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक
परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने राज्य के पहले ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का उद्घाटन किया । पटना के फुलवारीशरीफ में भी ऐसा ट्रैक जल्द बन कर तैयार होगा। मुजफ्फरपुर में भी ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक निर्माण की योजना है।
पटना, राज्य ब्यूरो । औरंगाबाद में बुधवार ( 23 दिसंबर) को परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने राज्य के पहले ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का उद्घाटन किया। औरंगाबाद के बाद जल्द ही पटना में दूसरा ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक शुरू किया जाएगा। मुजफ्फरपुर में भी ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक निर्माण की योजना है।
परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि फुलवारीशरीफ स्थित परिवहन परिसर में 302 वर्ग मीटर क्षेत्र में अत्याधुनिक ड्राइविंग टेस्टिंग सेंटर का निर्माण अंतिम चरण में है। यहां ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक उपलब्ध होगा, जहां ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने वाले आवेदकों के ड्राइविंग कुशलता की जांच की जाएगी। इस ट्रैक पर टेस्ट में पास होने के बाद ही आवेदक को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए योग्य माने जाएंगे।
अभी मैनुअल है टेस्ट की व्यवस्था
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए कुशल लोगों को ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के उद्देश्य से ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेेस्टिंग ट्रैक का निर्माण किया जाएगा। फिलहाल लाइसेंस जारी करने से पूर्व ड्राइविंग टेस्टिंग की प्रक्रिया मैनुअली है। नई व्यवस्था में टेस्ट का रिजल्ट तुरंत आ जाएगा और समय की भी बचत होगी।
ऐसा होगा ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक
फुलवारी का ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का आकार '8' अंक की तरह होगा। इसमें जगह-जगह कैमरे लगे होंगे। ड्राइविंग टेस्टिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाहन में भी मोबाइल कैमरा फीड रहेगा। सभी कैमरे और मशीनें कंप्यूटर से जुड़े होंगे। कैमरे पर लिए गए चित्र को कंप्यूटर पर देखते हुए ड्राइविंग पर नजर रखी जाएगी। ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर अभ्यॢथयों को सीट बेल्ट, लेन ड्राइविंग, स्टॉप लाइन, पार्किंग, रिवर्स, आदि यातायात नियमों का पालन भी करना होगा। हर स्टेप के लिए अलग-अलग समय और अंक निर्धारित होगा। निर्धारित मानक के अनुसार ड्राइविंग करने पर ही अंक मिलेगा और टेस्ट में पास हो सकेंगे।