नीतीश की पीएम मोदी से दो टूक- 'चीन को बर्दाश्त करने की जरूरत नहीं, चाइनीज प्रोडक्ट्स का बहिष्कार हो'
भारत-चीन सीमा को ले शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश ने दो टूक कहा- चीन को नहीं करें बर्दाश्त।
पटना, राज्य ब्यूरो। भारत-चीन सीमा पर उत्पन्न हालात को केंद्र में रख शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि चीन हमें अपमानित कर रहा तो इसे बर्दाश्त करने की जरूरत नहीं। चीन अगर भारत के भू-भाग पर कब्जा करने के बारे में सोचता है तो यह उसके लिए असंभव है। प्रधानमंत्री जो निर्णय लेंगे हम सभी उनके साथ हैैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चीन का रवैया भारत के प्रति अच्छा नहीं रहा है। उसे भारत से चिढ़ है। वहीं भारत ने अपनी तरफ से हमेशा यह कोशिश की है चीन के साथ अच्छा संबंध हो। सच्चाई चाहे जो भी हो पर आम अवधारणा यही है कि दुनिया में कोरोना वायरस वुहान के बायोलॉजिकल लैब से ही निकला। कुछ ऐसा हुआ कि वह पूरे विश्व में फैला। कोरोना वायरस नैचुरल नहीं है क्योंकि इसका तापमान, मौसम तथा क्षेत्र से कोई संबंध नहीं है।
नीतीश ने कहा कि चीन की हरकत पर पूरे देश में ऐसा माहौैल है कि सभी एकजुट हैैं और इसका बदला लेना चाहते हैैं गलवन घाटी में शहीद हुए बीस जवानों में बिहार के भी पांच जवान थे। राज्य सरकार अपनी तरफ से शहीदों के सम्मान में उनके परिवार के लिए हर संभव मदद कर रही है। पूरे देश में इस घटना से आक्रोश है। यह देश की एकता और अखंडता का सवाल है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पूरा देश एकजुट है। इस मसले पर राजनीतिक दलों के बीच कोई मतभेद नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चीन से जो भी सामान देश में आता है उसके कारण पर्यावरण को भी संकट हो रहा। चीन से आने वाले खिलौने में प्लास्टिक का बहुत ज्यादा प्रयोग हो रहा। यह इको फ्रेंडली भी नहीं। चीन का उत्पाद टिकाऊ भी नहीं है। मूल्य कम होने की वजह से लोग इसे खरीद लेते हैैं। हमलोग चीनी उत्पादों की खरीदारी नहीं करें। इसके लिए पूर्व के एग्रीमेंट पर विचार करने की जरूरत है। हमलोगों को स्वदेशी सामानों को बढ़ावा देना चाहिए।