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भूमि सर्वेक्षण पर चुनाव का पड़ रहा असर, शिविरों में पहुंचे कर्मी, बुनियादी संसाधन नदारद

भूमि सर्वेक्षण कार्य पर चुनाव का साफ असर देखने को मिल रहा है। शिविरों में जरूरी संसाधन तक नहीं हैं और इस चुनावी दौर में खरीद भी नहीं हो सकती। संभावना यह है कि नई सरकार के गठन के बाद ही कार्य पटरी पर आएगा।

By Bihar News NetworkEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 06:00 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 06:00 PM (IST)
भूमि सर्वेक्षण पर चुनाव का पड़ रहा असर, शिविरों में पहुंचे कर्मी, बुनियादी संसाधन नदारद
महात्वाकांक्षी भूमि सर्वेक्षण योजना पर चुनाव का असर पड़ रहा है।

राज्य ब्यूरो, पटना: चुनाव का असर महात्वाकांक्षी भूमि सर्वेक्षण योजना पर भी पड़ रहा है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सर्वेक्षण से जुड़े कर्मियों को चुनाव से अलग कर दिया है। विशेष सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, कानूनगो, अमीन और अंचल कार्यालय के अन्य कर्मी शिविरों में पहुंच गए हैं, लेकिन उन्हें वहां बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रहीं हैं। सही समय पर टेंडर का नहीं निकलना भी इस कार्य में एक बड़ा अवरोध माना जा रहा है। संभावना यह है कि नई सरकार के गठन के बाद ही भूमि सर्वेक्षण पटरी पर आएगा।

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शिविर में कागजात रखने के लिए आलमारी तक नहीं 

पहले चरण में राज्य के 20 जिलों में भूमि सर्वेक्षण हो रहा है। 91 अंचलों में 208 शिविर लगाए गए हैं। फर्नीचर और अन्य जरूरी सामान की खरीद के लिए जिलों को प्रति शिविर 70 हजार रुपये दिए गए हैं। इसके लिए समय पर टेंडर नहीं निकाला जा सका। नतीजा यह हुआ कि चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई और सामान की खरीद नहीं हो पाई। शिविर में कागजात रखने के लिए आलमारी तक नहीं हैं। वहां आने वाले किसानों के बैठने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं।

ग्राम सभा के आयोजन का पेच 

बड़ी परेशानी ग्राम सभा के आयोनों को लेकर हो रही है। आचार संहिता के दायरे में ग्राम सभाओं की गतिविधियां भी आती हैं। ग्राम सभा की बैठक में रैयतों को सर्वे की जानकारी दी जाती है। उन्हें बताया जाता है कि सर्वे के लिए किन दस्तावेजों को लेकर शिविर में आना है। गांवों में पोस्टर और फ्लैक्स के जरिए भूमि सर्वेक्षण का प्रचार करना है। इसका टेंडर समय पर नहीं निकला। पोस्टर और फ्लैक्स की छपाई नहीं हो पाई। संभावना यह है कि नई सरकार के गठन के बाद ही भूमि सर्वेक्षण पटरी पर आएगा।

दबंगों से मिल रही धमकी 

सर्वेक्षण से जुड़े विभागीय सूत्रों का कहना है कि सर्वेक्षण कर्मियों को कुछ क्षेत्रों में धमकी भी दी जा रही है। भूमि सर्वेक्षण के निदेशक जय सिंह पिछले दिनों बेतिया के दौरे पर गए थे। वहां सर्वेक्षण से जुड़े लोगों की शिकायत थी कि बेतिया राज की जमीन को लेकर कुछ दबंग रैयत धमकी दे रहे हैं। उनके डर से काम करने में परेशानी हो रही है। फिलहाल राजस्व विभाग सूचना जुटा रहा है कि और किन-किन इलाकों में ऐसी धमकी मिल रही है। अधिक संख्या में शिकायत मिली तो सभी शिविरों में पुलिस की व्यवस्था के लिए अनुरोध किया जाएगा।


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