रामदेव व डाक्टरों के बीच विवाद की सजा भुगतेंगे मरीज, बिहार में इलाज ठप करने की तैयारी में आइएमए
पुलिस की छानबीन जारी है। इस मामले में पुलिस तमाम साक्ष्यों को जुटा रही है। वहीं इस मामले में अब एलोपैथी व आयुर्वेद के डाक्टरों का भी बयान दर्ज किया जाएगा। बाद में पूछताछ के लिए पतंजलि योगपीठ के सदस्यों को भी थाने बुलाया जा सकता है।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार के डाक्टर 18 जून को चार घंटे तक सरकारी और निजी ओपीडी बंद रखेंगे। इस दौरान डाक्टर मरीजों को नहीं देखेंगे। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने ओपीडी बंद करने का आह्वान किया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बाबा रामदेव के चिकित्सा विज्ञान, आधुनिक चिकित्सा पद्धति, कोविड टीकाकरण एवं शहीदों के प्रति दिए गए अपमानजनक बयान और डाक्टरों पर हो रही ङ्क्षहसा के खिलाफ ओपीडी बाधित करने का फैसला किया है। आइएमए बिहार शाखा की ओर से भी जिलों के अध्यक्ष और सचिव को एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि राज्य मुख्यालय के अध्यक्ष और सचिव की बैठक में ओपीडी बाधित करने का फैसला लिया गया है।
पत्र में निर्देश जारी किए गए हैं कि 18 जून को सभी सरकारी और निजी अस्पताल में तैनात डाक्टर सुबह साढ़े आठ बजे से 12:30 बजे तक ओपीडी बंद रखेंगे। यह फैसला देश स्तर पर लिया गया है। साथ जिलाध्यक्षों और सचिवों को ये निर्देश भी दिए गए हैं कि डाक्टरों के खिलाफ हाल के दिनों में जो भी हिंसक घटनाएं हुई हैं, उनकी जानकारी और दस्तावेज मुख्यालय को मुहैया कराएं। ये निर्देश भी दिए गए है कि रामदेव के खिलाफ यदि किसी जिला में प्राथमिकी से इनकार किया जा रहा हो तो जिले के एसपी के पास रजिस्टर्ड पोस्ट भेजें या न्यायालय में मामला दर्ज कराएं।
बाबा रामदेव मामले में डाक्टरों से बयान लेगी पुलिस
इधर, बाबा रामदेव द्वारा एलोपैथी को लेकर दिए गए विवादित बयान मामले में पत्रकार नगर थाना पुलिस की छानबीन जारी है। इस मामले में पुलिस तमाम साक्ष्यों को जुटा रही है। वहीं, इस मामले में अब एलोपैथी व आयुर्वेद के डाक्टरों का भी बयान दर्ज किया जाएगा। बाद में पूछताछ के लिए पतंजलि योगपीठ के सदस्यों को भी थाने बुलाया जा सकता है।
बाबा रामदेव के विवादित बयान पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए), पटना ने गत सोमवार को बाबा रामदेव के खिलाफ पत्रकार नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। संगठन के डाक्टर ने रामदेव पर एलोपैथ डाक्टर के खिलाफ गलत बयान देने की बात कही थी। आइएमए का कहना है कि बाबा रामदेव ने एलोपैथी को दिवालिया विज्ञान बताने के साथ ही यह कहा था कि काफी कोरोना मरीजों की मौत एलोपैथी की दवाएं खाने से हो गई। उन्होंने कोरोना टीका को भी बेकार बताया था।
इस संबंध में पुलिस ने रामदेव के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक पुलिस विवादित बयान के वीडियो की तकनीकी जांच कर रही है। मामले की अगली कड़ी के तहत अन्य डाक्टरों से इस संबंध में पूछताछ की जाएगी। बाद में अपना पक्ष रखने के लिए पटना में स्थित पतंजलि योगपीठ के सदस्यों को भी थाने बुलाया जा सकता है।