आइजीआइएमएस में खुलेगा जैव विज्ञान बैंक
इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में ब्रेन डेड मरीजों के ंअग प्रत्यारोपण के लिए निकालने से पहले इन्हें सुरक्षित रखने की सुविधा होगी।
पटना । इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) में ब्रेन डेड मरीजों के अंग प्रत्यारोपण के लिए निकालने से पहले इन्हें स्टोर करने के लिए जैव विज्ञान बैंक खुलेगा। इस बाबत आइजीआइएमएस प्रशासन ने सरकार को विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर एक करोड़ रुपये की डिमांड सरकार को भेजी है। यह बैंक अस्पताल के टीबी वार्ड और ब्लड बैंक के पास होगा। इसके लिए जगह भी चिन्हित कर ली गई है। सरकार से राशि आवंटित होते ही जैव विज्ञान बैंक बनाने को लेकर कार्रवाई आरंभ कर दी जाएगी।
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नहीं बर्बाद होगा अंग, दूसरे मरीजों के लिए होगा वरदान :
बैंक बनने से ब्रेन डेड या अन्य दाता से मिलने वाले सभी अंगों का सदुपयोग किया जा सकता है। वर्तमान में बैंक की सुविधा नहीं होने के कारण किसी खास अंग को लेकर तत्काल ही प्रत्यारोपण करने की व्यवस्था करनी होती है। आइजीआइएमएस में अभी कॉर्निया को लेकर ही यह प्रक्रिया हो पाती है। जबकि जैव विज्ञान बैंक तैयार हो जाने के बाद ब्रेन डेड या हादसे समेत अन्य परिस्थिति में मृत व्यक्ति के शरीर से जरूरत के अनुसार हड्डी, दांत, त्वचा, किडनी, लीवर, फेफड़ा, पैनक्रियाज, कॉर्निया आदि लिया जा सकता है। जबकि मानव से ब्लड लेकर ज्यादा से ज्यादा ब्लड कंपोनेंट तैयार कर स्टोर किया जा सकता है।
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नोटो की गाइडलाइन के अनुसार होगा संचालित :
नेशनल ऑर्गन टिश्यु ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (नोटो) की गाइडलाइन के अनुसार जैव विज्ञान बैंक संचालित किया जाएगा। इसके तहत किसी भी ब्रेन डेड व्यक्ति से आने वाले अंग का पहला उपयोग संस्थान के मरीजों के लिए किया जाएगा। इसमें से एक अंग राज्य के दूसरे अस्पताल या राज्य से बाहर के दूसरे अस्पतालों को भी दिया जा सकता है। यह निर्णय नोटो के माध्यम से किया जाएगा। जबकि राज्य के अंदर के लिए निर्णय स्टेट ऑर्गन टिश्यु ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (सोटो) के माध्यम से लिया जाएगा। सोटो का कार्यालय आइजीआइएमएस से ही संचालित होता है।
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आइजीआइएमएस में जैव विज्ञान बैंक के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को भेज दी गई है। सरकार से एक करोड़ रुपये की डिमांड की गई है। राशि आवंटित होते ही बैंक निर्माण को लेकर कवायद की जाएगी।
- डॉ. मनीष मंडल, चिकित्सा अधीक्षक, आइजीआइएमएस।