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आइजीआइएमएस में शुरू होगी बीएससी न्यूरो टेक्नोलॉजी की पढ़ाई

राजधानी के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में नये सत्र से बीएससी-न्यूरो टेक्नोलॉजी की पढ़ाई होगी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 07:57 PM (IST)Updated: Sun, 10 Nov 2019 07:57 PM (IST)
आइजीआइएमएस में शुरू होगी बीएससी न्यूरो टेक्नोलॉजी की पढ़ाई
आइजीआइएमएस में शुरू होगी बीएससी न्यूरो टेक्नोलॉजी की पढ़ाई

पटना : राजधानी के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में नये सत्र से बीएससी-न्यूरो टेक्नोलॉजी की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इसके लिए संस्थान में तैयारी प्रारंभ हो गई है। इससे न्यूरो मरीजों के इलाज में काफी मदद मिलेगी। ये बातें रविवार को इंडियन एपीलेप्सी एसोसिएशन की बिहार शाखा के तत्वावधान में राजधानी के एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहीं। उन्होंने कहा कि पहले न्यूरो टेक्नोलॉजी में दस सीटों पर पढ़ाई शुरू होगी। पहले यहां पर चार सीटों पर पढ़ाई होती थी।

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मंत्री ने कहा कि पीएमसीएच को दुनिया का सबसे बड़ा अस्पताल बनाने के लिए सरकार ने टेंडर निकाल दिया है। जल्द ही उस दिशा में काम आगे बढ़ाया जाएगा। पीएमसीएच को पांच हजार बेड का अस्पताल बनाने की तैयारी है। काम तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। इसके अलावा यहां सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का निर्माण किया जा रहा है।

: बुजुर्गो में बढ़ रही भूलने की बीमारी :

समारोह में आए लोगो को स्वागत करते हुए आयोजन समिति के सचिव डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि बुजुर्गो में भूलने की बीमारी तेजी से बढ़ रही है, जबकि इसका समुचित इलाज संभव है। अगर सही समय पर मरीजों का इलाज किया जाए तो बीमारी को बहुत हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

: न्यूरो के मरीजों के इलाज में सावधानी जरूरी :

समारोह की अध्यक्षता करते हुए पीएमसीएच के न्यूरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष और आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एके अग्रवाल ने कहा कि न्यूरो के मरीजों के इलाज में शुरूआती दौर काफी महत्वपूर्ण होता है। न्यूरो के मरीजों का इलाज करने में न्यूरो के चिकित्सकों के साथ-साथ फिजिशियन को भी जागरूक करने की जरूरत है। जागरूकता से ही कई मरीजों को जल्द से जल्द ठीक किया जा सकता है। इस अवसर पर पद्मश्री डॉ. गोपाल प्रसाद सिन्हा, डॉ. कल्याण भट्टाचार्य, डॉ. विवेक नांबियार सहित कई चिकित्सकों ने भाग लिया।

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