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आइजीआइएमएस में उम्र सीमा वृद्धि को लेकर दो गुटों में बंटा संस्थान

इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) में डॉक्टरों की उम्र सीमा वृद्धि को लेकर दो गुटों में संस्थान बंट गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 01:32 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 06:23 AM (IST)
आइजीआइएमएस में उम्र सीमा वृद्धि को लेकर दो गुटों में बंटा संस्थान
आइजीआइएमएस में उम्र सीमा वृद्धि को लेकर दो गुटों में बंटा संस्थान

पटना। इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) में डॉक्टरों की उम्र सीमा बढ़ाने के निर्णय को लेकर संस्थान के फैकल्टी दो गुटों में बंट गए हैं। उम्र सीमा बढ़ाने को लेकर 172 लोगों ने हस्ताक्षर किए, जबकि नहीं बढ़ाने के फेवर में 166 डॉक्टरों ने साइन किया। इसमें दो दर्जन ऐसे लोग भी हैं, जो दोनों गुटों के पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री सह संस्थान के चेयरमैन मंगल पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित बोर्ड ऑफ गवर्निग की बैठक में इस बात की जानकारी हुई। हालांकि चेयरमैन ने चुनाव आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए इस पर चर्चा को टाल दिया। यही नहीं बीओजी में कोई भी प्रमुख एजेंडा पर मुहर नहीं लग सकी। सभी मामले को चुनाव के बाद निर्णय लेने की बात कही गई। पटना हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में अस्पताल के विकास को देखते हुए कॉलेज के भवन निर्माण, स्टेट कैंसर संस्थान व अन्य विकास कार्यो के लिए कॉन्ट्रैक्टर को राशि देने पर सहमति बनी। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव चुनाव आयोग से हरी झंडी लेंगे। वहां से अनुमोदन के बाद ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बैठक में सदस्य सचिव निदेशक डॉ. एनआर विश्वास, सदस्य के रूप में प्रधान सचिव स्वास्थ्य, प्रधान सचिव वित्त, निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं, निदेशक चिकित्सा शिक्षा के साथ-साथ सदस्य के रूप में प्रसिद्ध चिकित्सक नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील कुमार सिंह, डॉ. अमर कांत झा अमर आदि ने भाग लिया। नेता प्रतिपक्ष ने दिया चुनाव का हवाला

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बोर्ड की बैठक में नेता प्रतिपक्ष बतौर सदस्य के रूप में शामिल होते हैं। लेकिन चुनाव आचार संहिता को लेकर वे बैठक में शामिल नहीं हुए। इस बाबत नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पत्र लिखकर बैठक स्थगित करने का आग्रह किया था। आइजीआइएमएस में दवा नहीं देने पर दुकानों से स्पष्टीकरण

बोर्ड की बैठक में सदस्यों द्वारा अस्पताल परिसर की दुकानों से दवा नहीं मिलने पर सवाल खड़े किए। इस पर बोर्ड ने अस्पताल परिसर स्थित दो दुकानों से स्पष्टीकरण मांगने का निर्णय लिया। 14 दिनों के अंदर दुकानों को बताना होगा कि आखिर किस परिस्थिति में मरीजों को परेशान किया गया।

मरीजों के लिए सस्ते खाने व पानी पर हुआ चर्चा

आइजीआइएमएस परिसर में मरीजों को महंगा खाना व पानी मिलने पर चिंता व्यक्त किया गया। मामले में बोर्ड ने अस्पताल परिसर में ऐसी व्यवस्था बनाने का निर्णय लिया जो मरीजों को दो रुपये प्रति लीटर पानी व 10-15 रुपये में खाना उपलब्ध करा सकें। हालांकि चुनाव को लेकर मामले में कोई निर्णय नहीं हो सका। संभावना व्यक्त की जा रही है कि बोर्ड की अगली बैठक में इस पर कोई निर्णय लिया जा सके।


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