बुजुर्गों के इलाज की IGIMS में अलग से होगी विशेष व्यवस्था, यहां जानें क्या-क्या मिलेगी सुविधा?
Bihar News In Hindi आईजीआईएमएस में बुजुर्गों के लिए जीरियाट्रिक क्लीनिक खोला गया है। अब बुजुर्गों को आईजीआईएमएस में इलाज कराने के लिए लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ेगी। अल्जाइमर आर्थराइटिस अस्थमा मोतियाबिंद बहरापन अवसाद मधुमेह मनोचिकित्सा और फिजियोथेरेपी की व्यवस्था होगी। हालांकि इस मामले में पीएमसीएच आगे है। पीएमसीसच में दस साल पहले ही जीरियाट्रिक विभाग खोला जा चुका है।
जागरण संवाददाता, पटना। बढ़ती उम्र या वृद्धावस्था में होने वाली बीमारियों की लंबी सूची है। अस्पतालों में बुजुर्गों की सहज उपचार का प्रबंध नहीं सबसे बड़ी परेशानी है। अ
ल्जाइमर, आर्थराइटिस, अस्थमा, मोतियाबिंद, बहरापन, मधुमेह, अवसाद जैसे बीमारी के शिकार बुजुर्गों को पंजीयन के लिए लंबे समय तक कतार में खड़ा होना असहनीय पीड़ा देता है। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में अलग से बुजुर्गों के उपचार बेहतर व्यवस्था की जा रही है।
वृद्धजनों के लिए जीरियाट्रिक क्लीनिक शुरू किया गया है। यहां बुजुर्गों को ईएनटी, न्यूरो मेडिसिन, मनोचिकित्सक, फिजियोथेरेपिस्ट, इंडोक्राइनोलाजिस्ट, हड्डी रोग विशेषज्ञ, यूरोलाजिस्ट आदि की प्रतिनियुक्ति रोस्टर के अनुसार होगी।
पंजीयन कराने के लिए भीड़ में लंबे समय तक खड़े रहने की परेशानी से राहत मिल सकेगी। अलग पंजीयन काउंटर होगा। इस सेवा का नेतृत्व डॉ मनोज कुमार चौधरी करेंगे।
जगह की कमी सेवा में बाधक
जीरियाट्रिक क्लीनिक व वार्ड शुरू करने में जगह की कमी सबसे बड़ी बाधा है। गंभीर रोगियों की तर्ज पर पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी में इन्हें परेशानी नहीं हो इसकी प्राथमिकता देने का प्रबंध किया जा रहा है।
चिकित्साधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि जगह मिलने के बाद बुजुर्गों को दी जाने वाली सुविधाओं में और वृद्धि की जाएगी।
केंद्र सरकार ने वर्ष 2017 में किया था विशेष क्लीनिक का प्रविधान
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 2017 में राष्ट्रीय बुजुर्ग स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम के तहत मेडिकल कालेजों व जिला अस्पतालों में जीरियाट्रिक क्लीनिक खोलने का निर्देश दिया था। विशेष ओपीडी के अलावा 10 बेड का अलग वार्ड बनाना था।
नए-पुराने रोगों के उपचार के लिए विशेष प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्साकर्मियों व नर्सों की नियुक्ति करना था। जांच व दवाएं अस्पताल से निशुल्क दी जानी थीं। 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार इलाज की सुविधाएं और वृद्धावस्था के रोगों पर शोध को बढ़ावा देने की योजना थी।
पीएमसीएच में 10 साल पहले बना जीरियाट्रिक विभाग
बुजुर्गों सहज उपचार की सेवा पीएमसीएच में वर्ष 2014 में शुरु की गई थी। तत्कालीन मुख्य ओपीडी के सामने छह चैंबर में विभिन्न विभागों के डाक्टरों की प्रतिनियुक्ति की गई थी।
दो डॉक्टरों के साथ जीरियाट्रिक विभाग की शुरुआत हुई लेकिन सुविधाओं का विस्तार नहीं हो सका। स्थापना काल से अब तक भूले-भटके ही मरीज आते हैं। नए भवन में इसे स्थानांतरित नहीं किया गया है।
बुजुर्गों को ज्यादा सताने वाले रोग
बुढ़ापे में परेशानी वाले बीमारी में अल्जाइमर, मनोभ्रंश यानी भ्रम, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, वात रोग, अवसाद, हृदय रोग, उच्च कोलेस्ट्राल, स्मृति हानि, आस्टियोपोरेसिस, ब्रेन स्ट्रोक, चलने संबंधी समस्याएं, पार्किंसंस जैसे तंत्रिका संबंधी रोग, प्रोस्टेट, बहरापन, नेत्र संबंधी समस्याएं, पोषण संबंधी रोग शामिल हैं।
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