आइजीआइएमएस ने बदला इलाज का तरीका
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) ने कोरोना काल में सुरक्षित इलाज के लिए तरीका बदला।
पटना : इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) ने कोरोना काल में सुरक्षित इलाज के लिए नई व्यवस्था की है। इसके तहत सामान्य लोगों को आम बीमारियों के लिए रविवार को छोड़ हर दिन सुबह दस से 11 बजे के बीच टेलीफोनिक और वीडियो कांफ्रेंसिंग पर ओपीडी की सेवाएं दी जा रही है।
अतिगंभीर रोगियों के लिए पांच बेड का अलग आइसीयू और 40 प्राइवेट कमरे की व्यवस्था की गई है। रोगी के हालत के अनुसार इन्हीं में हर नए रोगी को कोविड-19 जांच रिपोर्ट आने तक रखा जा रहा है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर रोगी को कोरोना अस्पताल एनएमसीएच रेफर कर दिया जाता है।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल के अनुसार नए रोगियों के लिए अलग व्यवस्था इसलिए की गई है कि कोई पॉजिटिव मरीज सामान्य रोगियों को संक्रमित न कर सके। अस्पताल के सभी विभागों में सुपरस्पेशियलिटी व इमरजेंसी उपचार किया जा रहा है। 8544413200 पर लें परामर्श, भर्ती होने में भी मदद
डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि कोरोना काल में अस्पताल में भीड़ बढ़ने से रोगियों के साथ डॉक्टरों व चिकित्साकर्मियों को भी संक्रमण का खतरा है। इसे देखते हुए हर दिन 11 विभाग के डॉक्टर 8544413200 नंबर पर ऑडियो व वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए निशुल्क परामर्श दे रहे हैं। यदि इनमें से कोई गंभीर होता है तो चिकित्सक खुद उन्हें अस्पताल आकर भर्ती होने की सलाह देते हैं। वीडियो कांफ्रेंसिंग पर दिखाएं जांच रिपोर्ट
जासं, पटना: कम से कम रोगी अस्पताल आएं और जल्दी घर वापस जा सके इसलिए आइजीआइएमएस नई व्यवस्था करेगा। जो रोगी इमरजेंसी ओपीडी में आकर इलाज कराते हैं, उनकी रिपोर्ट उसी दिन दो से तीन बजे के बीच वीडियो कांफ्रेंसिंग पर चिकित्सक देखेंगे। रिपोर्ट के अनुसार उन्हें दवाओं के नाम लिखे जाएंगे। इससे बाहर से आने वाले मरीज जो डॉक्टर से दिखाने के बाद जांच रिपोर्ट नहीं आने के कारण एक दिन परिसर में रुकते हैं वे उसी दिन वापस घर जा सकेंगे।