अगर लेना चाहते हैं गाड़ियों के VIP Number तो प्रक्रिया हो गई है आसान, जानें क्या होगा करना Patna News
अगर आप भी अपनी कार बाइक में फैंसी नंबर लगाना चाहते हैं तो प्रक्रिया बहुत ही आसान हो गई। अब अॉनलाइन माध्यम से तुरंत नंबर पाया जा सकता है। जानें कैसे।
पटना, जेएनएन। कार, बाइक या अन्य गाड़ियों के लिए लकी या वीआइपी नंबर लेने की सोच रहे हैं तो अब परिवहन कार्यालय का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। यही नहीं, अब पैरवी करने की कोई जरूरत नहीं है। अब अपना लकी नंबर खुद ही चुन सकते हैं। परिवहन विभाग फैंसी नंबर और लकी नंबर की मांग को देखते हुए नई व्यवस्था शुरू करने जा रहा है। गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई।
दस हजार से एक लाख शुल्क
परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि अगले महीने से नई व्यवस्था लागू हो जाएगी। मनचाहा नंबर के लिए कुल 646 नंबर पर 10 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक का शुल्क तय किया गया है। इन 646 नंबरों के अलावा किसी अन्य च्वाइस नंबर को भी प्राप्त कर सकते हैं। निजी वाहन और व्यवसायिक वाहन के लिए बेस रेट की अलग-अलग दर तय की गई है। कई राज्यों में च्वाइस नंबर के लिए 10 से 25 लाख रुपये तक की बोली लग चुकी है। परिवहन सचिव ने बताया कि नंबरों की ई निलामी होने से न सिर्फ विभाग को अधिक राजस्व प्राप्त होगा, बल्कि लोगों को मनचाहा नंबर भी मिल सकेगा।
कराना होगा रजिस्ट्रेशन
कार, बाइक या अन्य गाड़ियों के लिए मनचाहा नंबर पाने के लिए पहले रजिस्ट्रेशन कराने की सुविधा उपलब्ध होगी। एक ही नंबर के लिए एक से अधिक दावेदार होने की स्थिति में बोली लगेगी और अधिकतम बोली लगाने वाले को नंबर मुहैया करा दिया जाएगा। सबसे अधिक बोली लगाने वाले को एच-1 घोषित किया जाएगा। एच-1 को सात दिनों के अंदर लगाई गई बोली की संपूर्ण राशि जमा करनी होगी। इसके बाद उन्हें फैंसी नंबर आवंटित कर दिया जाएगा। ई नीलामी की तिथि से अधिकतम 90 दिनों के अंदर संबंधित वाहन जिला परिवहन पदाधिकारी के समक्ष निबंधन के लिए प्रस्तुत करना होगा अन्यथा फैंसी नंबर स्वत: रद हो जाएगा। इसके लिए जमा राशि जब्त कर ली जाएगी और एच-2 द्वारा राशि नहीं जमा किए जाने की स्थिति में रद फैंसी नंबर को फिर से ई नीलामी के लिए जारी कर दिया जाएगा।
फैंसी नंबर के लिए यह होगी व्यवस्था
ऑनलाइन ई निलामी के माध्यम से च्वाइस नंबर का होगा आवंटन। ई निलामी में भाग लेने वाले वाहन मालिक को एक हजार रुपए पंजीकरण शुल्क जमा करना होगा। यह शुल्क वापस नहीं होगा। राशि संबंधित जिला परिवहन कार्यालय के बैंक खाते में ऑनलाइन या बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से निर्धारित समय सीमा के अंदर जमा करनी होगी।
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