Bihar: बच्चे पिछड़े तो लगेगी गुरुजी की क्लास, स्कूल का प्रदर्शन कमजोर होने पर शिक्षकों की होगी फिर से ट्रेनिंग
Bihar Education शिक्षा विभाग ने वाइब्रेंट एक्सीलेंस प्लान को सैद्धांतिक सहमति दे दी है। जिसमें छात्रों से लेकर शिक्षकों तक के प्रदर्शन को आंकने के लिए नए-नए मानकों पर काम किए जाएगा। इसके तहत स्कूलों का प्रदर्शन लर्निंग आउटकम में कमजोर रहने पर शिक्षकों की फिर से ट्रेनिंग होगी।
पटना, राज्य ब्यूरो। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद प्रदेश में शिक्षा का पूरा क्षेत्र बड़े सुधारों के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में यदि सरकार की प्रस्तावित वाइब्रेंट एक्सीलेंस प्लान पर अमल हुआ तो स्कूल में बच्चों का प्रदर्शन कमजोर हुआ तो शिक्षकों को नए सिरे से प्रशिक्षण दिया जाएगा।
शिक्षा विभाग ने वाइब्रेंट एक्सीलेंस प्लान को सैद्धांतिक सहमति दे दी है। जल्द ही समीक्षा बैठक में प्लान पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसमें छात्रों से लेकर शिक्षकों तक के प्रदर्शन को आंकने के लिए नए-नए मानकों पर काम किए जाने पर फोकस किया गया है।
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पहले चरण में ऐसे सभी शिक्षकों को फिर से प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिनके स्कूलों का प्रदर्शन लर्निंग आउटकम में कमजोर रहेगा। शिक्षकों को यह प्रशिक्षण नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अपनाए जाने वाले सभी नवाचारों और मानकों के आधार पर दिया जाएगा।
मॉनिटरिंग सेंटर भी किए जाएंगे स्थापित
इतना ही नहीं, प्रत्येक जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में विद्या समीक्षा केंद्र के नाम से एक मॉनिटरिंग सेंटर भी स्थापित होगा।
खास बात यह है कि डायट को वाइब्रेंट एक्सीलेंस संस्थान के रूप में तैयार करने के लिए राज्य शिक्षा शोध और प्रशिक्षण परिषद को कार्य योजना तैयार करने को कहा गया है। सरकार ने सभी डायट में जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा है।