Lockdown Extension: बिहार में अलकतरा का उठाव नहीं हुआ तो हो सकती है रसोई गैस की किल्लत, जानें
Lockdown Extension यदि लॉकडाउन लंबा चला तो बिहार में रसोई गैस की कमी हो सकती है। सवाल अटपटा लगता है। लेकिन यही सच है। अलकतरा के उठाव नहीं होने से प्रॉब्लम हो सकती है।
पटना, राज्य ब्यूरो। सड़क निर्माण न हो तो आपकी रसोई पर तुंरत क्या फर्क पड़ेगा? सवाल अटपटा लगता है। सच यह है कि बड़ा फर्क पड़ सकता है। यदि लॉकडाउन लंबा चला तो बिहार में रसोई गैस की कमी हो सकती है। सड़क निर्माण से रसोई गैस का सीधा रिश्ता है।
अलकतरा के भंडारण की हो गई है समस्या
दरअसल, रसोई गैस यानी एलपीजी बनाने वाली दो सरकारी कंपनियां- इंडियन आयल काॅरपोरेशन और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम सड़क निर्माण न होने से चिंतित है। इसकी मुख्य वजह, एलपीजी बनने के दौरान बड़ी मात्रा में अलकतरा बनता है। यह इसका बाई प्रोडक्ट है। मुख्य रूप से इसका इस्तेमाल सड़क निर्माण में ही होता है। इन दिनों जबकि सड़क का निर्माण पूरी तरह बाधित है, अलकतरा का उठाव नहीं हो रहा है। ऐसी स्थिति में गैस कंपनियों के सामने अलकतरा के भंडारण की समस्या उत्पन्न हो गई है। दोनों कंपनियों ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वह जल्द से जल्द अलकतरा का उठाव कराए, क्योंकि इससे एलपीजी का उत्पादन बाधित हो रहा है।
संवेदकों को उठाव सुनिश्चित करने का निर्देश
दोनों कंपनियों के आग्रह को देखते हुए पथ निर्माण विभाग ने सड़क निर्माण से जुड़े संवेदकों को कहा है कि वह आॅयल कंपनियों से अलकतरा का उठाव सुनिश्चित करें। इधर संवेदकों के सामने मुश्किल यह है कि काम धंधा ठप रहने के कारण उनके खाते में धन नहीं आ रहा है। अलकतरा खरीद के लिए उन्हें अग्रिम राशि देनी पड़ती है। हालांकि इसमें परिवहन की समस्या नहीं है। राज्य सरकार ने बालू-गिट्टी को छोड़कर बाकी सामानों की आवाजाही को लॉकडाउन से मुक्त कर दिया है।
मॉनिटरिंग में लगे पांच इंजीनियर
पथ निर्माण विभाग के तीन और एनएच के पांच मुख्य अभियंता को अलकतरा उठाव की मॉनीटरिंग की जिम्मेवारी दी गई है। ये अभियंता प्रतिदिन देखेंगे कि संवेदकों ने कितनी मात्रा में अलकतरा का उठाव किया। इनकी सम्मिलित रिपोर्ट शाम में पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख उमेश कुमार को दी जाएगी।