लोकसभा चुनाव 2019: एक राह पकड़ी तो लंबी अवधि तक उसी पर टिका रहता नालंदा
पटना से सटे नालंदा लोकसभा क्षेत्र की खासियत यह है कि यह क्षेत्र जब एक राह पकड़ लेता है तब लंबी अवधि तक उसी पर रहता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पैतृक घर इसी लोकसभा क्षेत्र में है
पटना [भुवनेश्वर वात्स्यायन]। पटना से सटे नालंदा लोकसभा क्षेत्र की खासियत यह है कि यह क्षेत्र जब एक राह पकड़ लेता है तब लंबी अवधि तक उसी पर रहता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पैतृक घर इसी लोकसभा क्षेत्र में है। वर्ष 2014 में वह नालंदा से सांसद भी रहे हैं। एक जमाने में कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी का गढ़ रहा यह क्षेत्र 1996 से लगातार हुए आम चुनाव और एक उप चुनाव में नीतीश कुमार से आगे नहीं सोचता दिख रहा।
इस तरह रहा है कांग्रेस व भाकपा का कब्जा
प्रथम आम चुनाव यानी 1952 में कांग्रेस के कैलाशपति सिन्हा यहां से जीते। इसके बाद के चुनाव यानी 1957 में भी उन्हीें को जीत मिली। फिर 1962, 1967 और 1971 के आम चुनाव में लगातार सिद्धेश्वर प्रसाद यहां से चुनाव जीतते रहे। वर्ष 1977 के आम चुनाव में भारतीय लोकदल के वीरेंद्र प्रसाद जीते और फिर लगातार 1980 और 1984 में भाकपा के विजय कुमार यादव यहां से जीते। 1989 में पुन: कांग्रेस के टिकट पर रामस्वरूप प्रसाद और 1991 में भाकपा के विजय कुमार यादव को नालंदा से सफलता मिली।
1996 से पुन: एक राह पर है नालंदा
कांग्रेस और भाकपा के बाद 1996 से नालंदा पुन: एक राह पर है। समता पार्टी की टिकट से जार्ज फर्नांडिस 1996, 1998 में वहां से लगातार जीते। फिर 1999 में जदयू की टिकट से वह संसद गए। वर्ष 2004 में नीतीश कुमार जदयू की टिकट से जीते। इसके बाद 2006 में यहां लोकसभा का उप चुनाव हुआ और जदयू के टिकट पर रामस्वरूप प्रसाद को सफलता मिली। रामस्वरूप प्रसाद के बाद 2009 और 2014 में जदयू के कौशलेंद्र कुमार यहां से सफल हुए।
वोट का प्रतिशत भी पिछले दो आम चुनाव से लगातार बढ़ रहा
नालंदा में वोटरों के बूथ पर पहुंचने की रफ्तार पिछले दो आम चुनावों के दौरान बढ़ी है। वर्ष 2014 के आम चुनाव में 47 प्रतिशत टर्नआउट था जबकि 2009 में यह 26.87 प्रतिशत था।
दो बार से लोजपा की सक्रियता भी रही है यहां
पिछले दो आम चुनाव से लोजपा की सक्रियता भी नालंदा में दिखी है। पिछले आम चुनाव यानी 2014 में लोजपा के सत्यानंद शर्मा को 3,12,355 वोट मिले थे, जबकि जीतने वाले कौशलेंद्र कुमार को 3,21,982 वोट। वर्ष 2009 के आम चुनाव में सतीश कुमार ने यहां से लोजपा की टिकट से चुनाव लड़ा था और 1,46,478 वोट के साथ दूसरे नंबर पर थे। जदयू के कौशलेंद्र ने 2,99,155 वोट लाकर सफलता हासिल की थी।