आइजीआइएमएस में होगी वायरस, बैक्टीरिया एवं फंगस की पहचान
इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) में शनिवार को जिनोमिक लैब का ऑनलाइन उद्घाटन किया।
पटना। इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) में शनिवार को जिनोमिक लैब का लोकार्पण ऑनलाइन रूम में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने किया। लैब अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है। यहां कई तरह की मशीनें लगाई गई है। इससे मानव शरीर में मौजूद वायरस, बैक्टीरिया एवं फंगस की पहचान की जा सकती है। मंत्री ने कहा कि आइजीआइएमएस विश्वस्तरीय बन रहा है। मुख्यमंत्री भी तारीफ कर रहे हैं।
उन्होंने कोरोना जांच की नई मशीन के अलावा 100 बेड के इंटर्न-डॉक्टर्सहॉस्टल का शिलान्यास किया। मौके पर विधायक डॉ. संजीव कुमार चौरसिया, निदेशक डॉ. एनआर विश्वास, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल, माइक्रोबायोलॉजी विभागययक्ष डॉ. एसके शाही भी थे।
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ये हैं मशीनें जिनसे होगी महत्वपूर्ण जांच -
फिल्म अरे टॉर्च मशीन : इससे 45 मिनट में हेपेटाइटिस बी हेपेटाइटिस सी तथा एचआइवी तथा अन्य वायरस की जांच और रिपोर्ट तैयार होगी।
कोबास 480 : ऑटोमेटिक मशीन है। यह ब्लड, ब्रेन का पानी, रीढ़ के पानी, छाती के पानी से बैक्टीरिया, वायरस, फंगस को निकालती है।
कोबास जेड : यह कोबास 480 से निकाले गए वायरस, बैक्टीरिया व फंगस की रिपोर्ट एक घंटे में बताती है। यह भी जानकारी देती है कि शरीर में कितना लोड है।
माल्डी टॉफ : यह टीबी की पहचान, इंसेफ्लाइटिस, मैनेनजाइटिस, न्यूमोनाइटिस व अन्य मस्तिक रोग की जानकारी देती है।
विटेक जेड : यह बैक्टीरिया, वायरस व फंगस को एक साथ डिटेक्ट करती है। 50 मिनट में रिपोर्ट देती है।
मैग्नसप्योर 96 : इस मशीन में कोरोना के 96 सैंपल 56 मिनट में जांच करते हैं।
- स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने किया जिनोमिक लैब का लोकार्पण, कोरोना जांच की नई मशीन 56 मिनट में देगी 96 सैंपल की रिपोर्ट