कुछ समय पहले खुद लगाए थे पेड़, अब चौड़ीकरण के नाम पर प्रशासन ने चलाए जगह-जगह बुलडोजर Patna News
राजधानी को स्मार्ट बनाने के नाम पर जगह-जगह खोदाई कर दी गई है। अब तो पेड़ों को भी नहीं बक्शा जा रहा है। शहर में जहां-तहां पेड़ों की कटाई जारी है।
By Edited By: Published: Mon, 19 Aug 2019 07:55 PM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 09:32 AM (IST)
पटना, जेएनएन। राजधानी में इस महीने वन महोत्सव के समापन के चंद दिनों बाद ही हाईकोर्ट के सामने पिछले तीन दिनों में सैकड़ों पेड़ों को बुलडोजर से गिरा दिया गया है। कार्मेल हाई स्कूल से आयकर गोलंबर के बीच बेली रोड के चौड़ीकरण के नाम पर यह जारी है। पांच साल पहले लगाए गए सैकड़ों पेड़ जेसीबी से गिरा दिए गए हैं। पटना वन प्रमंडल के डीएफओ एस. कुमार सामी ने इसे गंभीरता से लेते हुए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव और पटना वन संरक्षक को इस संबंध में रिपोर्ट भेजी है।
इसमें उल्लेख है कि मना किए जाने के बाद भी पेड़-पौधों को नष्ट कर दिया गया। कार्मेल हाई स्कूल गेट से पेट्रोल पंप के बीच हरियाली के कारण जंगल जैसा दृश्य हो गया था। पांच साल पहले यहां तीन-चार कतारों में पौधे लगाए गए थे। पेड़ बन चुके इन पौधों को दूसरी जगहों पर स्थानांतरित तक नहीं किया गया। राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने हाल ही में निर्देश जारी किया था कि विकास के नाम पर पेड़ों की कटाई नहीं होगी।
एक ओर जहां पथ निर्माण विभाग आर. ब्लॉक-दीघा फोरलेन के निर्माण में पड़ने वाले पेड़ों को स्थानांतरित कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर बेली रोड पर इसपर कुछ भी ध्यान नहीं दिया गया। शहर के कई हिस्सों में पेड़ काटने के बदले दूसरी जगहों पर स्थानांतरित किए गए हैं। पटना नगर निगम मशीन लाकर गर्दनीबाग में पेड़ों को बचाने का दावा कर रहा है। वहीं पटना उच्च न्यायालय के ठीक सामने जंगल जैसा रूप ले चुकी हरियाली के पेड़-पौधों को नष्ट किया जा रहा है।
यह इसलिए भी आश्चर्यजनक है क्योंकि उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी हाल ही में वन महोत्सव के दौरान अपने भाषणों में इस बात पर जोर देते रहे कि एक पेड़ दस पुत्रों के समान होता है। वे शहर के प्रदूषण में कमी लाने के लिए घरों में गमले में पौधे लगाने की अपील कर रहे हैं। वहीं प्रशासन ही उनकी अपील पर ध्यान नहीं दे रहा है।
इसमें उल्लेख है कि मना किए जाने के बाद भी पेड़-पौधों को नष्ट कर दिया गया। कार्मेल हाई स्कूल गेट से पेट्रोल पंप के बीच हरियाली के कारण जंगल जैसा दृश्य हो गया था। पांच साल पहले यहां तीन-चार कतारों में पौधे लगाए गए थे। पेड़ बन चुके इन पौधों को दूसरी जगहों पर स्थानांतरित तक नहीं किया गया। राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने हाल ही में निर्देश जारी किया था कि विकास के नाम पर पेड़ों की कटाई नहीं होगी।
एक ओर जहां पथ निर्माण विभाग आर. ब्लॉक-दीघा फोरलेन के निर्माण में पड़ने वाले पेड़ों को स्थानांतरित कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर बेली रोड पर इसपर कुछ भी ध्यान नहीं दिया गया। शहर के कई हिस्सों में पेड़ काटने के बदले दूसरी जगहों पर स्थानांतरित किए गए हैं। पटना नगर निगम मशीन लाकर गर्दनीबाग में पेड़ों को बचाने का दावा कर रहा है। वहीं पटना उच्च न्यायालय के ठीक सामने जंगल जैसा रूप ले चुकी हरियाली के पेड़-पौधों को नष्ट किया जा रहा है।
यह इसलिए भी आश्चर्यजनक है क्योंकि उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी हाल ही में वन महोत्सव के दौरान अपने भाषणों में इस बात पर जोर देते रहे कि एक पेड़ दस पुत्रों के समान होता है। वे शहर के प्रदूषण में कमी लाने के लिए घरों में गमले में पौधे लगाने की अपील कर रहे हैं। वहीं प्रशासन ही उनकी अपील पर ध्यान नहीं दे रहा है।
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