जासं, पटना। मैनहोल में दो मजदूरों की मौत मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।
आयोग ने मुख्य सचिव, पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक और नगर निगम आयुक्त से छह हफ्ते में जवाब मांगा है। आयोग ने पूछा है कि इस मामले में पुलिस ने अबतक क्या कार्रवाई की और हादसे के लिए जिम्मेदार कौन है?
इसके साथ ही पीड़ित परिवार को किस तरह की सहायता प्रदान की गई, यह भी जानकारी देने के लिए कहा गया है।
बिहार शहरी आधारभूत संरचना निगम के अधीन चल रही नमामि गंगे परियोजना के जकरियापुर में चैम्बर की सफाई के दौरान मंगलवार को दो श्रमिकों की मौत हो गई थी।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इसका संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है।
ऐसे कार्यों पर लगाई जाए रोक
आयोग ने जोखिम भरे सफाई कार्य पर रोक लगाने के लिए भी कहा है। पत्र में कहा गया है कि ऐसे कार्यों के दौरान सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा जाए। श्रमिकों को जीवन रक्षक उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।
नोटिस मिलने पर देंगे जानकारी: एसएसपी
घटना के संबंध में रामकृष्ण नगर थाने में अज्ञात कारण मानते हुए यूडी केस दर्ज किया है। पुलिस अस्वाभाविक मौत मानते हुए मामला दर्ज कर जांच कर रही है।
वहीं, पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि अबतक एनएचआरसी की ओर से औपचारिक नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है। नोटिस मिलने पर आयोग को सभी जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी।
पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। मामले की सभी बिंदुओं पर जांच चल रही है।
15 फीट गहरे नाले में उतरे थे मजदूर
बीती 11 अप्रैल को बुडको द्वारा संचालित नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत रामकृष्णानगर थाने के जकरियापुर में करीब 15 फीट गहरे नाले के चैम्बर में पहले एक मजदूर को उतारा गया था।
जब वह नहीं निकला तो दूसरे मजदूर को गहरे नाले की सफाई करने के लिए चैम्बर में उतार दिया गया। दोनों मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई थी।
सूचना मिलने पर कार्य करा रही ईएमएस कंपनी के अधिकारी व पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों के शवों को 15 फीट गहरे नाले से निकला।
कंपनी की ओर से दोनों के स्वजन को दस-दस लाख रुपये मुआवजा दिया गया था। मृतकों की पहचान पटना के नंदलाल छपरा निवासी रंजन रविदास एवं सुल्तानगंज निवासी मुन्ना रजक के रूप में की गई थी।