रीयल इस्टेट में मंदी के बीच में बिहार में बूम पर हाउसिंग लोन का कारोबार, जानिए
बिहार में रीयल इस्टेट में मंदी है, लेकिन इसका असर हाउसिंग लोन पर नहीं पड़ा है। बैंकों ने अभी ही अपने सालाना टारगेट से अधिक हासिल कर लिया है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। बात होती है कि रीयल इस्टेट में मंदी के दौर का असर बिहार पर भी है पर हकीकत कुछ और है। रीयल इस्टेट में मंदी की खबर के बावजूद बिहार में हाउसिंग लोन का मामला बूम पर है। हाउसिंग लोन की रफ्तार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में ही कई बैैंकों ने अपने पूरे वित्तीय वर्ष के लक्ष्य का 150 फीसदी के करीब हासिल कर लिया है। सौ फीसद तो काफी पहले हासिल कर चुके थे। वैसे स्थापित माने जाने वाले बैैंक अभी अपनी रफ्तार को रोके हुए हैं।
यूं दिखता है बल्ले-बल्ले
बिहार में आंध्र बैैंक का दायरा उतना बड़ा नहीं है। उसने इस लक्ष्य के साथ काम शुरू किया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में उसे 208 लोगों को हाउसिंग लोन देना है। इस बैैंक ने अब तक हाउसिंग लोन के 520 आवेदनों को स्वीकृत कर दिया और 201 लोगों के बीच 1731 लाख बांट दिए। यह उपलब्धि 250 फीसद की है।
देना बैैंक की उपलब्धि तो और आगे है। उसका टारगेट 215 लोगों को हाउसिंग लोन देने का था और उसने 705 लोगों के आवेदन स्वीकृत कर दिए। सभी 705 लोगों के बीच 10127 लाख के हाउसिंग लोन बांट भी दिए। यह उपलब्धि 327 फीसद की है। सेंट्रल बैैंक ऑफ इंडिया ने लक्ष्य का 137.39 फीसद, इंडियन बैैंक ने 155, सिंडिकेट बैैंक ने 149.7 यूनाइटेड बैैंक ऑफ इंडिया ने 103 और आइडीबीआइ की उपलब्धि 83 फीसद तक पहुंच गई है।
वैसे कुछ ने अभी काम शुरू भी नहीं किया
हाउसिंग लोन के मामले में वैसे कुछ बैैंक इस श्रेणी के भी हैैं जिन्होंने पहली तिमाही में अपना खाता भी नहीं खोला है और कुछ की रफ्तार काफी धीमी है। खाता नहीं खोलने वालों में आइसीआइसीआइ बैैंक, जम्मू कश्मीर बैैंक, इंडसइंड बैैंक,कर्नाटका बैैंक, कोटक महिंद्रा बैैंक व यस बैैंक आदि शामिल हैैं।