रातभर लगाया अस्पतालों का चक्कर पर नहीं हुआ इलाज, बेटे के श्राद्ध के दिन मां ने तोड़ा दम
पटना में इलाज के आभाव में एक महिला की अस्पताल के गेट पर मौत हो गई। जिस दिन महिला ने दम तोड़ा उसी दिन उसके बेटे का श्राद्ध था।
पटना, जेएनएन। राजधानी में रविवार को इलाज के अभाव में एक महिला ने अस्पताल के गेट पर दम तोड़ दिया। मृतका के बेटे की 16 मार्च को एक ट्रेन हादसे में मौत हो गई थी। खबर मिलने के बाद से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। रविवार को जिस दिन महिला ने दम तोड़ा उसी दिन उसके बेटे का श्राद्ध था।
श्राद्ध की तैयारी में जुटे थे रिश्तेदार
मिली जानकारी के अनुसार माना देवी के बेटे 17 वर्षीय रमेश कुमार की ट्रेन की चपेट में आने से 16 मार्च को बक्सर के वीर कुंवर सिंह धरौली हॉल्ट पर मौत हो गई थी। घटना के बाद सभी घर में मातम पसरा था। गम में शरीक हुए नाते-रिश्तेदार श्राद्ध की तैयारी में जुटे थे।
मां का उठना-बैठना हो गया था मुश्किल
इंडियन आर्मी में कैप्टन के पद से सेवानिवृत्त रमेश के पिता राजेंद्र सिंह गम में डूबे थे। पुत्र की हुई मौत की खबर सुनकर 52 वर्षीया मां माना देवी पर इतना गहरा सदमा लगा कि उठना-बैठना मुश्किल हो गया। रो-रोकर उनकी हालत खराब हो गई। इस बीच उन्होंने खाना-पीना भी बंद कर दिया। स्वजनों ने बहुत समझाया पर माना देवी केवल और केवल रोती ही रहीं। इससे उनकी तबीयत खराब हो गई। परिवार वाले बेहतर इलाज के लिए माना देवी को बक्सर के बगेनगोला थाना क्षेत्र के धरौली गांव से राजधानी पटना पहुंचे।
रोए-गिड़गिड़ाए स्वजन पर नहीं हुआ इलाज
28 मार्च को निजी वाहन से पटना पहुंचने के बाद रात-भर स्वजन इलाज के लिए भटकते रहे। कई सरकारी तो कई निजी अस्पतालों के चक्कर काटे। जिसने जहां बता दिया स्वजन मरीज को वहां लेकर चले गए। माना देवी के स्वजन रोए-गिड़गिड़ाए लेकिन कोई सुनने के लिए तैयार नहीं हुआ। सब जगह से कोरोना व लॉकडाउन के कारण चरमराई चिकित्सा व्यवस्था की दुहायी मिली। आखिरकार, रविवार की सुबह 10:50 बजे राजेंद्र नगर स्थित एक निजी अस्पताल के गेट पर गाड़ी में ही माना की मौत हो गई। इसी दिन उनके पुत्र रमेश का श्राद्ध था।