Janmashtami 2019: नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयघोष से शहर में उल्लास Patna News
कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर श्रीकृष्ण की पूजा के लिए घरों और मंदिरों में सुबह से भक्ति की रसधारा बह रही है। जन्माष्टमी पर बच्चों से लेकर बड़ों तक का उत्साह देखते बन रहा है।
पटना, जेएनएन। बड़ी देर भई नंदलाला, कान्हा आन पड़ी मैं तेरे द्वार, यशोमति मइया से बोले नंदलाल आदि गीत के साथ शनिवार को जन्माष्टमी की शुरुआत हो गई है। मुरली वाले को पूजने के लिए घर और मंदिर में सुबह से भजन गाए जा रहे हैं। बच्चों से लेकर बड़ों में उत्साह चरम पर है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान विष्णु ने पृथ्वी को पापियों से मुक्त कराने के लिए श्रीकृष्ण के रूप में भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्य रात्रि को रोहिणी नक्षत्र में अवतार लिया था। हर साल भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का महापर्व मनाया जाता है।
इस्कॉन मंदिर कल मनेगी जन्माष्टमी
पटना के इस्कॉन मंदिर में इस बार शनिवार यानी आज जन्माष्टमी मनाई जाएगी। मंदिर में 208 चांदी के कलश और तीर्थ जल व पंच गव्य से भगवान श्रीकृष्ण का जलाभिषेक होगा। वहीं मंदिर परिसर भगवान कृष्ण की लीला मनोहर प्रस्तुति देखने को मिलेगी।
पूरे दिन खरीदारी में जुटे रहे श्रद्धालु
जन्माष्टमी को लेकर मच्छरहट्टा स्थित गोपीनाथ मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, सांवलिया जी मंदिर, कचौड़ी गली छोटी मंदिर, चैतन्य महाप्रभु मंदिर, अदरक घाट, गायघाट और राधा कृष्ण मंदिर के साथ अन्य मंदिरों को सजाया गया है। त्योहार मनाने वालों की ओर से शुक्रवार को कुछ स्थानों पर संघोर का अनुष्ठान मंदिरों में रखा गया। इसको लेकर राधा-कृष्ण मंदिर व वैष्णव मंदिरों में अनुष्ठान होगा। इतना ही नहीं अवतरण पर्व पर गली मोहल्लों में सजाई जाने वाली झांकियों की तैयारियां भी चल रही है। दूसरी ओर बाजारों में पूजा के उपयोग में आने वाली सामग्रियों की बिक्री शुरू हो गई है।
पंडित राकेश झा ने कहा कि वैष्णव संप्रदाय व साधु संतों की कृष्णाष्टमी शनिवार यानि 24 अगस्त को उदया तिथि अष्टमी एवं औदयिक रोहिणी नक्षत्र से युक्त सर्वार्थ अमृत सिद्धियोग में मनाई जाएगी। अष्टमी तिथि का आरंभ शुक्रवार की सुबह 3:13 बजे से होकर रात 3:17 बजे तक है। वहीं रोहिणी नक्षत्र शुक्रवार को मध्यरात्रि 12.09 बजे से आरंभ हो रहा है।
साधु-संत आज रखेंगे व्रत
साधु-संत श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व शनिवार को मनाएंगे। शुक्रवार की सुबह 8:09 बजे से 24 अगस्त की सुबह 8:32 बजे तक अष्टमी तिथि है। रोहिणी नक्षत्र 24 अगस्त की सुबह 3:48 बजे से 25 अगस्त की सुबह 4:17 बजे तक है। 23 अगस्त को अष्टमी तिथि होने से गृहस्थों के लिए उसी दिन व्रत व पूजन शास्त्र सम्मत है।
जन्माष्टमी निशा पूजा
मध्य रात्रि 12:09 बजे से 12:47 बजे तक भगवान को करें अर्पण
जन्माष्टमी के मौके पर भगवान कृष्ण को गुलाब जल में ईत्र डालकर गुड़ सहित मक्खन का भोग लगाएं। हल्दी, केशर अर्पित करना भी है शुभ।
इसका करें पाठ
गोपाल सहस्त्रनाम, पुरुष सूक्त एवं ओम नमो भगवते वासुदेवाय गो¨वदाय नमो नम: का जाप शुभ फलदायी है।