होम क्वारंटाइन किए गए कोरोना आशंकितों को ढूंढेंगी आशा, रेलवे डॉक्टर संभालेंगे स्टेशन की कमान
दूसरे प्रदेशों से बिहार आने पर होम क्वारंटाइन किए गए लोगों में से कोरोना आशंकितों को ढूंढने की जिम्मेदारी अब आशा कार्यकर्ता को सौंपी गई है। जानें कैसे करेंगी ये काम।
पटना, जेएनएन। कोरोना से निपटने के लिए अब सरकार कई स्तर पर व्यवस्था में बदलाव करने जा रही है। इसमें अन्य प्रदेशों से आने के बाद होम क्वारंटाइन किए गए लोगों में से कोरोना आशंकितों को ढूंढने की जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ता को सौंपी गई है। वहीं फ्लाइट और राजधानी एक्सप्रेस से आने वाले लोगों को न तो होम क्वारंटाइन किया जाएगा न ही क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। यह उन्हीं की जिम्मेदारी होगी कि कोरोना के लक्षण दिखने पर सिविल सर्जन कार्यालय को जानकारी दें ताकि उनकी जांच कराई जा सके। इसके अलावा अब स्टेशन पर प्रवासियों की स्क्रीनिंग और आशंकितों की जांच का कार्य रेलवे के चिकित्सक करेंगे। उन्हें प्रतिदिन अपनी रिपोर्ट सिविल सर्जन कार्यालय को देनी होगी।
घर की निगरानी करेंगी आसा कार्यकर्ता
सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने बताया कि कोरोना मामले में कुछ व्यवस्थाएं बदली हैं। इसके तहत सिर्फ श्रमिक स्पेशल ट्रेन से जो लोग रेडजोन के 11 शहरों से आएंगे उन्हें ही क्वारंटाइन किया जाना है। 14 दिन बाद इन लोगों को सात दिन के लिए होम क्वारंटाइन किए जाएंगे। वहीं अन्य शहर वालों को केवल होम क्वारंटाइन किया जाएगा। दोनों के घर के बाहर कब तक होम क्वारंटाइन किया गया है इसका स्टीकर चिपकाया जाएगा। वहीं हमारी आशा कार्यकर्ता हर घर की निगरानी करेंगी। उनकी सूचना पर आशंकितों को अनुमंडल में बने हेल्थ क्वारंटाइन सेंटर लाकर उनकी जांच कराई जाएगी। जो पॉजिटिव होंगे उन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा। स्टेशन पर रेलवे के डॉक्टर स्क्रीनिंग व जांच कराएं इसलिए शनिवार को उनकी बैठक बुलाई गई है।
समुदाय में संक्रमण की पुष्टि के लिए शुरू हुआ सेरो सर्वे
लॉकडाउन की अवधि में ट्रेन और रेल परिचालन शुरू होने के साथ ही राज्यों में प्रवासियों की वापसी शुरू हो गई है। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण के मामले भी बढ़े हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने राष्ट्रीय स्तर पर सेरो सर्वे शुरू किया है। बिहार सहित देश के 21 राज्यों के 60 से अधिक जिलों में यह सर्वे एक साथ ही चल रहा है। फिलहाल मुजफ्फरपुर, मधुबनी और अरवल में सेरो सर्वे हो रहा है। विभाग ने भी पुष्टि की है। सूत्रों ने बताया कि समुदाय में संक्रमण की पुष्टि के लिए सर्वे के तहत आबादी को शून्य, निम्न, मध्यम और उच्च श्रेणी में विभाजित किया गया है। सर्वे के तहत किसी खास इलाके में एक साथ रैंडम तरीके से कई लोगों के सैंपल लिए जाते हैं।