डेढ़ दर्जन बड़े संस्थानों और प्रतिष्ठानों के होल्डिंग व नक्शे की जांच शुरू
होल्डिंग टैक्स की चोरी और स्वीकृत नक्शे में बदलाव कर बिल्डिंग बनाने वालों पर निगम कसेगा शिकंजा।
पटना। होल्डिंग टैक्स की चोरी और स्वीकृत नक्शे में बदलाव कर बिल्डिंग बनाने वालों पर निगम का शिकंजा कसने वाला है। इसके लिए सभी अंचलों में राजस्व पदाधिकारी के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया है। इसमें टैक्स वसूलने के लिए चयनित एजेंसी के कर्मचारी भी रहेंगे।
टीम अपने-अपने अंचल में बड़े प्रतिष्ठानों और संस्थानों की होल्डिंग और नक्शे की जांच करेगी। यह भी देखेगी कि जितने क्षेत्रफल में भवन बना हुआ है उतने का टैक्स दिया जा रहा है या नहीं। साथ ही नक्शे की जांच कर यह देखेगी कि पास नक्शे के मुताबिक ही भवन का निर्माण हुआ है या नहीं। इसके बाद वे लोग मुख्यालय को रिपोर्ट सौंपेंगे। उनके द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
डेढ़ दर्जन भवनों की जांच शुरू हो गई है। इनमें पाटलिपुत्र अंचल में अलंकार ज्वैलर्स, कंकड़बाग में बैद्यनाथ प्रा. लिमिटेड व रिलायंस ट्रेंड्स, सिटी अंचल में बुद्धा मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड व मौर्या मोटर्स, एनसीसी अंचल में चाणक्य टावर्स, पाटलिपुत्र अंचल में डॉन बॉस्को एकेडमी व बांकीपुर अंचल में एरिस्टो फार्मा व महावीर प्रसाद सर्राफ, एनसीसी अंचल में मौर्या होटल शामिल हैं। इसके अलावा पारस हॉस्पिटल, कश्यप कॉमर्शियल कांप्लेक्स बेली रोड, उदयन हॉस्पिटल, बिग हेल्थ केयर प्रा. लि. अजीमाबाद, प्रीतम डाइसन अजीमाबाद की जांच हो रही है।
प्रथम चरण में वैसे भवनों और बिल्डिंगों को चिन्हित किया गया है जो प्रॉपर्टी टैक्स, यानि होल्डिंग टैक्स देने में टॉप सौ की सूची में शामिल हैं। इसके बाद दूसरे चरण में राजधानी के अन्य भवनों की जांच की जाएगी। इस संबंध में पटना नगर निगम की जनसंपर्क अधिकारी हर्षिता ने बताया कि बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 के मुताबिक जानबूझकर संपत्ति कर निर्धारण हेतु जानकारी छुपाने अथवा संपत्ति से कम मूल्यांकन पर सौ प्रतिशत जुर्माना वसूलने का प्रावधान है। साथ ही स्वीकृत नक्शे के इतर भवन का निर्माण करने पर उस हिस्से को तोड़ने का प्रावधान है।