BiharTourismNews: दशकों से विकास की आस में ऐतिहासिक चेचर ग्राम समूह, तमाम दावों और घोषणाओं के बावजूद उपेक्षित
मशहूर चेचर ग्राम समूह की 1978 में खुदाई हुई थी जिसमें तेरह काल खंडों के अवशेष मिले थे। सर्वे रिपोर्ट आर्कियोलॉजिकल रिव्यू में प्रकाशित हो चुकी है।
वैशाली, जेएनएन : कई कालखंडों के इतिहास को अपने दामन में समेटे ऐतिहासिक चेचर ग्राम समूह दशकों से विकास की आस लगाए बैठा है। तमाम दावों और घोषणाओं के बावजूद चेचर ग्राम समूह का न तो आज तक सर्वांगीण विकास हो सका और न ही पर्यटक स्थल के रूप में ही विकसित हो सका। इतिहास के पन्नों में कोटी ग्राम के रूप में मशहूर चेचर ग्राम समूह की 1978 में हुई खुदाई में तेरह काल खंडों के अवशेष मिले थे। इसकी सर्वे रिपोर्ट आर्कियोलॉजिकल रिव्यू में प्रकाशित हो चुकी है। इसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने खुदाई कर सोलह हजार अवशेष ले गए, जो पटना के आंशिक कार्यालय में जमा हैं।
खुदाई में मिले गुप्तकाल, शुंगकाल कुषाणकाल, ताम्र पाषाणकाल, नवपाषाण काल तक के साक्ष्य
खुदाई में गुप्तकाल, शुंगकाल कुषाणकाल, ताम्र पाषाणकाल, नवपाषाण काल तक के ऐतिहासिक साक्ष्य एवं प्राप्त ऐरोहेड, हेलन की मूर्ति, पॉलिशदार बर्तन, सेल्युकस की पुत्री की मूर्ति, टेराकोटा, ब्लैक बेयर, रेड बेयर, बुद्ध की मूर्ति, विष्णु की मूर्ति, सिक्का, पत्थर के औजार मिले थे।
सीएम दियारा क्षेत्र में टूरिज्म हब बनाने और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कर चुके घोषणा
अपने वैशाली प्रवास के दौरान 14 फरवरी 2013 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चेचर ग्राम समूह का दौरा कर खुदाई कराने एवं संरक्षित क्षेत्र घोषित करने का आश्वासन दिया था। क्षेत्र में विकास की पर्याप्त संभावनाओं का जिक्र करते इसके विकास के लिए हर संभव कोशिश करने का आश्वासन दिया था। साथ ही चेचर घाट किनारे 2001 एकड़ दियारा क्षेत्र में टूरिज्म हब बनाने, चेचर ग्राम समूह को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद चेचर ग्राम समूह के विकास और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने की उम्मीद जगी थी। साथ ही यहां के युवाओं में रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध होने की आस जगी थी। लेकिन गुजरते वक्त के साथ सारी उम्मीदें धूमिल होती चली गई।
कभी सात एकड़ में फैला चेचर ग्राम समूह वर्तमान में ढाई एकड़ में सिमटा
कई कालखंडों के इतिहास व पुरावशेषों को अपने दामन में छिपाए ऐतिहासिक चेचर ग्राम समूह का प्रशासनिक उपेक्षा के कारण उतना विकास नहीं हो सका जिसका वो हकदार था। कभी सात एकड़ में फैला चेचर ग्राम समूह वर्तमान में अतिक्रमण के कारण ढाई एकड़ में सिमट कर रह गया है।
7 सितम्बर 2015 को किया गया सरकारीकरण
13 फरवरी 2013 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चेचर संग्रहालय का अवलोकन करने के लिए आए थे एवं उन्होंने चेचर संग्रहालय के सरकारीकरण करने का आदेश दिया था। चेचर संग्रहालय का सरकारीकरण 7 सितम्बर 2015 को किया गया।