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गांव की सड़क पकड़ विकास दौड़ेगा शहरों तक, सबसे अधिक खर्च बुनियादी ढांचे पर

इस साल सड़कों के निर्माण पर 17 हजार करोड़ तो बिजली पर दस हजार करोड़ खर्च होंगे। कई मेगा ब्रिज और फ्लाईओवर का निर्माण कार्य पूरा होगा।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Wed, 28 Feb 2018 09:24 AM (IST)Updated: Thu, 01 Mar 2018 10:41 AM (IST)
गांव की सड़क पकड़ विकास दौड़ेगा शहरों तक, सबसे अधिक खर्च बुनियादी ढांचे पर
गांव की सड़क पकड़ विकास दौड़ेगा शहरों तक, सबसे अधिक खर्च बुनियादी ढांचे पर

पटना [भुवनेश्वर वात्स्यायन]। बिहार विकास कर रहा। गांव सबसे ज्यादा विकसित हों, सरकार इस बजट में यही कोशिश करती दिख रही। नए बजट में आधारभूत संरचना पर समेकित रूप से सर्वाधिक खर्च की कार्ययोजना तैयार हुई है। सड़कों के निर्माण पर 17 हजार करोड़ तो बिजली पर दस हजार करोड़ खर्च होंगे। कई मेगा ब्रिज और फ्लाईओवर का निर्माण कार्य इस वर्ष होगा पूरा।

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गांव की सड़कें, गांव में बिजली और गांव से शहर तक पहुंचने के लिए हाई वे, फोर लेन, बड़े पुलों का निर्माण। निर्माणाधीन बड़ी योजनाओं को समय से पूरा करने का लक्ष्य। बजट का यही वादा है। सरकार ने इस बजट में गांव की गलियों से विकास को सरपट शहर तक दौड़ाने की कार्ययोजना तैयार की है।

बिहार में सबसे अधिक खर्च बुनियादी ढांचे पर

विभागवार राशि के आवंटन को अगर देखा जाए तो समेकित रूप से आधारभूत संरचना मद में सर्वाधिक आवंटन है। पथ निर्माण विभाग के अधीन आने वाली सड़क और पुलिया, ग्रामीण सड़क, बिजली सेक्टर और सिंचाई महकमे के लिए होने वाले निर्माण और शहरी क्षेत्र की आधारभूत संरचनाएं फोकस में हैं।

जरूरत के मुताबिक घटा-बढ़ा आवंटन

पथ निर्माण विभाग का बजट 2017-18 में 5703.39 करोड़ रुपये था, जो 2018-19 में बढ़कर 5904.56 करोड़ रुपये हो गया है। वहीं कुल इस्टीमेट 6635.90 करोड़ रुपये बढ़कर 6889.12 करोड़ रुपये का हो गया है। वहीं, अगर हम ग्रामीण कार्य विभाग के बजटीय उपबंध पर नजर दौड़ाएं तो वहां भी बढ़ोतरी हुई है। 2017-18 में ग्रामीण कार्य विभाग के योजना मद में 8516.86 करोड़ रुपये का प्रावधान था, वहीं 2018-19 में बढ़कर यह 9495.97 करोड़ रुपये का हो गया है।

वैसे ऊर्जा विभाग के योजना मद में जो राशि नए वित्तीय वर्ष के लिए प्रावधान की गयी है, वह समाप्त हो रहे वित्तीयवर्ष की तुलना में कम है। वर्ष 2017-18 में ऊर्जा विभाग के योजना मद में 6795.59 करोड़ रुपये का प्रावधान था, जो 2018-19 के लिए 6185.63 करोड़ रुपये कर दिया गया है। जल संसाधन विभाग के योजना मद की राशि भी पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में कम हो गई है। वर्ष 2017-18 में जल संसाधन विभाग के लिए योजना मद से 2959.17 करोड़ रुपये का प्रावधान था जो वित्तीय वर्ष 2018-19 में घटकर 2513.98 करोड़ रुपये हो गया है।

चालू योजनाओं को समय से पूरा करने का वादा

आधारभूत संरचना सेक्टर में बड़ी संख्या में योजनाएं चालू हैं। वित्त मंत्री उन्हें समय से पूरा करने का भी वादा किया है।

पूरी होंगी योजनाएं :

- पटना में एम्स-दीघा एलिवेटेड कॉरिडोर जून 2018

- मीठापुर आरओबी से भिखारी ठाकुर पुल जोडऩे का काम नवंबर 2018

- चिरैयाटांड़- करबिगहिया फ्लाईओवर नवंबर 2018

-  दाउदनगर-नासरीगंज पुल मार्च 2018

गंडक नदी पर केसरिया-सत्तरघाट पुल जून 2018

 - गंडक नदी पर बंगरा घाट पुल दिसंबर 2018

धनहा-रतवल घाट पुल का संपर्क पथ मई 2018

छपरा में इसी वर्ष शुरू होगा डबल डेकर पुल का निर्माण

- छपरा में सूबे के पहले डबल डेकर पुल का निर्माण कार्य मार्च 2018 में आरंभ होगा।

गांव-गांव में नई और अच्छी बनेंगी सड़कें

अगले वित्तीय वर्ष में 9000 किमी लंबाई में ग्रामीण पथों के निर्माण का लक्ष्य है। ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना के तहत 2018-19 में 1500 किमी पथों के निर्माण का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2018-19 में 1789 किमी सड़कों का निर्माण कराया जाएगा।

ऊर्जा विभाग का मिशन अप्रैल 2018

बिहार के 21,890 टोलों और बसावटों को अप्रैल 2018 तक पूर्ण रूप से ऊर्जान्वित किए जाने का लक्ष्य है। दिसंबर 2018 तक राज्य के सभी परिवारों को बिजली कनेक्शन दिए जाने का लक्ष्य है। इसके तहत तेजी से काम होंगे।

बाढ़ के पहले 417 सुरक्षात्मक योजनाएं पूरी होंगी

बाढ़ 2017 के पूर्व 317 बाढ़ सुरक्षात्मक योजनाओं को पूरा किया गया। वहीं बाढ़ 2018 के पूर्व 417 बाढ़ सुरक्षात्मक योजनाओं को पूरा किए जाने का लक्ष्य है। अगले पांच वर्षों में 1676 किमी अतिरिक्त तटबंध के निर्माण का लक्ष्य है।


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