आइजीआइएमएस में पांच करोड़ से बनेगी हाईटेक लैब
-------- नीरज कुमार, पटना । राजधानी के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस)
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नीरज कुमार,
पटना । राजधानी के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में राष्ट्रीय मानकों के अनुसार हाईटेक लैब स्थापित की जाएगी। इस लैब की स्थापना में पांच करोड़ की लागत आएगी। इसके लिए संस्थान के स्तर पर तैयारी प्रारंभ कर दी गई है। लैब में लिवर, हार्ट, किडनी की गंभीर बीमारियों से जुड़ी जांचें की जाएंगी। लैब के एक साल में तैयार होने की उम्मीद है।
आइजीआइएमएस के निदेशक डॉ. एनआर विश्वास ने बताया कि अबतक छोटी लैब से संस्थान में काम चल रहा था। आगे उससे जांच संभव नहीं है। संस्थान में दिसंबर से लिवर प्रत्यारोपण प्रारंभ हो रहा है। इसके बाद हार्ट ट्रांसप्लांट अगले साल मार्च से शुरू होना है। किडनी प्रत्यारोपण पहले ही प्रारंभ हो चुका है। दोनों के लिए हाईटेक लैब की जरूरत है। उसी के मद्देनजर इसकी स्थापना हो रही है। अब गंभीर जांच के लिए प्रदेश के मरीजों को बाहर नहीं जाना होगा। अब तक कई जांचें संस्थान को दिल्ली से करानी पड़ती हैं। उसमें ज्यादा समय लगता है और लागत भी अधिक आती है। संस्थान में लैब खुलने के बाद गंभीर मरीजों की जांच सुलभ हो जाएगी।
लैब के लिए डॉ. शंकर नायर की हुई नियुक्ति :
देश के जाने-माने वैज्ञानिक डॉ. एए शंकर नायर को लैब स्थापित करने के लिए विजिटिंग प्रोफेसर नियुक्त किया गया है। उन्होंने योगदान भी दे दिया है। एक सप्ताह के अन्दर आइजीआइएमएस में स्थल का चयन कर लिया जाएगा। उसके बाद निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा। डॉ. नायर देश के कई संस्थानों में लैब स्थापित कर चुके हैं।
बढ़ेगी इलाज की गुणवत्ता :
डॉ. नायर का कहना है कि आइजीआइएमएस में हाईटेक लैब स्थापित होने के बाद इलाज की गुणवता काफी बढ़ जाएगी। खासकर इंफेक्शन से होने वाली बीमारियों की पहचान करने में आसानी होगी। वर्तमान में संक्रमण बीमारी का एक महत्वपूर्ण कारण बनता जा रहा है। खासकर अस्पतालों का संक्रमण मरीजों के लिए बेहद घातक होता है। इसके अलावा लिवर एवं दिल के प्रत्यारोपण में इस तरह की लैब से मरीजों को काफी लाभ होगा।