ईद का जायका बढ़ायेगी वाराणसी की रुमाली लच्छा सेवई, लखनऊ और कोलकाता का भी मिलेगा स्वाद
पटना की मंडियों में वाराणसी से रूमाली सेवई आ गई है। लखनऊ और कोलकाता की सेवई भी उपलब्ध है। जानें राजधानी में कैसे हो रही ईद की तैयारी
पटना, जेएनएन। कल यानी सोमवार को ईद के पकवान का जायका बढ़ाने के लिए पटना की मंडियों में वाराणसी से रुमाली सेवई आ गई है। लखनऊ और कोलकाता की सेवई भी उपलब्ध है। हालांकि इसकी मात्र कम है। पश्चिम दरवाजा में इसके कारोबार से जुड़े कारोबारी मो. सोनू ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से इस दफा दूसरे प्रदेशों से लच्छा की आवक नहीं के बराबर हुई है।
बाजार में पटना के कारखानों में तैयार लच्छा
कारोबारियों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से दूसरे प्रदेशों से सेवई की आवक नहीं के बराबर हुई है। ऐसे में पटना के कारखानों में तैयार लच्छा ही बाजार में उपलब्ध है। सब्जी बाग, न्यू मार्केट, आलमगंज, सुल्तानगंज, लोदी कटरा, सदर गली, पश्चिम दरवाजा, दादर मंडी समेत कई जगहों पर ईद की खपत को लेकर सेवई व लच्छा की दुकानें सजी हैं।
इत्र की है डिमांड, चूड़ी-बिंदी की भी खरीदारी
ईद-उल-फितर की खरीदारी कर रहे लोगों की ओर से इत्र की भी खरीदारी की जा रही है। बाजार में इत्र के एक दर्जन से अधिक वेराइटी उपलब्ध है।
लॉकडाउन में ऑनलाइन हुई इफ्तार पार्टी
शायद पहली बार ऐसा हुआ कि पटना के लोग किसी महामारी के साये में रमजान मनाते दिखे। लॉकडाउन के कारण लोगों का घर से निकलना बंद हो गया है। लोग अपने घरों में ही नमाज अदा कर रहे हैं। ऐसे में एक साथ बैठकर इफ्तार भी नहीं हो पा रहा है। मुश्किल की इस घड़ी में तकनीक रोजेदारों की मददगार बन रही है। कई लोग इफ्तार के दौरान एक-दूसरे के साथ जुडऩे के लिए वीडियो कॉल का सहारा ले रहे हैं।
वीडियो कॉल पर मां-बेटी एक साथ करतीं इफ्तार
पटना सिटी की रहने वाली नजमा खातून बताती हैं कि वह इफ्तार के समय अपनी मां फातिमा खातून के हाथ के बने कीमा समोसा को बहुत मिस कर रही हैं। लॉकडाउन के कारण वह अपनी मां से मिलने नहीं जा पा रही हैं। इसलिए वीडियो कॉल पर कनेक्ट होकर मां-बेटी एक साथ मिलकर कीमा समोसा बना रही हैं और साथ ही बैठकर इफ्तार कर रही हैं।
सभी दोस्त बनाते हैं एक जैसा नाश्ता
अनिसाबाद के समन बताते हैं कि इस लॉकडाउन में दोस्तों से मिलना नहीं हो पा रहा है। इसका उपाय उन्होंने वीडियो कॉल के रूप में निकाला है। सभी दोस्त वीडियो कॉल में जुड़कर एकसाथ इफ्तार कर रहे हैं। सभी मिलकर रोजाना इफ्तार के लिए मेनू तय कर लेते हैं और सभी लोग एक ही आइटम अपने-अपने घर बनाते हैं।