बिहार में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट, स्कूल बंद करने का आदेश
बिहार में मानसून एक बार फिर से सक्रिय हो गया है। अगले तीन के लिए बिहार में हाईअलर्ट जारी हुआ है। उत्तर बिहार में सर्वाधिक बारिश की उम्मीद है।
पटना [जेएनएन]। अगले दो दिनों तक बिहार में बारिश आफत का सबब बन सकती है। इसे लेकर पूरा महकमा सचेत हो गया है। आपदा प्रबंधन विभाग ने पूरे प्रदेश में अगले 48 घंटे के लिए चेतावनी जारी की है।
पटना स्थित कंट्रोल रूम को 24 घंटे सक्रिय कर दिया गया है। बुधवार को भी 72 घंटे का अलर्ट जारी किया गया था। खतरे की आशंका को देखते हुए स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है तथा उत्तर बिहार में अधिकारियों - पदाधिकारियों की छुट्यिां रद कर दी गई है।
बिहार में दक्षिण-पश्चिम मानसून के अति सक्रिय हो जाने के कारण सभी तरह की सावधानी बरती जा रही है। पटना मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक शुभेंदु सेनगुप्ता के मुताबिक असम से लेकर अमृतसर तक ट्रफ लाइन बनी हुई है।
इसकी दिशा मुजफ्फरपुर से होते हुए आगे पश्चिम बंगाल की तरफ जा रही है। इस कारण राजधानी समेत उत्तरी एवं पूर्वी बिहार में पिछले 24 घंटों से लगातार बारिश हो रही है। इस दौरान सबसे ज्यादा बारिश पश्चिमी चंपारण में 160 मिलीमीटर हुई है। भागलपुर में 28.5 तथा पटना में 28.2 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई। इसी तरह के हालात अगले तीन दिनों तक बने रहने की आशंका है।
खतरे को देखते हुए पटना जिला प्रशासन ने 11 अगस्त को स्कूल बंद करने की घोषणा की है वहीं मुजफ्फरपुर एवं भागलपुर समेत कई जिलों के स्कूल-कालेजों को एहतियातन 12 अगस्त तक बंद कर दिया गया है। मुजफ्फरपुर में पदाधिकारियों- कर्मचारियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम को भी तैयार रहने के लिए कह दिया गया है। डॉक्टरों को लगातार ड्यूटी पर तैनात रहने का आदेश जारी कर दिया गया है।
लगातार बारिश से बाढ़ की आशंका
उत्तर बिहार की नदियों के जलग्र्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश से बाढ़ की आशंका भी गहरा गई है। कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। नेपाल में हो रही बारिश से कोसी का डिस्चार्ज गुरुवार को रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया।
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गंडक और सोन के पानी में भी तेजी से वृद्धि दर्ज हुई है। पुनपुन पटना के श्रीपालपुर में खतरे के निशान के करीब थी। इसका जलस्तर 50.60 मीटर रिकार्ड किया गया। पटना के दीघा घाट में गंगा का जलस्तर 48.77 मीटर पर था जबकि यहां खतरे का निशान 50.45 मीटर है।
गांधी घाट में जलस्तर 47.79 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 48.60 मीटर है। भागलपुर के कहलगांव में गंगा खतरे के निशान से करीब एक मीटर नीचे है।
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