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शहाबुद्दीन जाएंगे जेल या बरकरार रहेगी बेल, फैसला टला ...अब सुनवाई 28 को

सिवान के बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की जमानत रद करने को लेकर दायर तीन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 28 सितंबर को होगी। इस बीच सिवान में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 26 Sep 2016 07:42 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2016 10:54 PM (IST)
शहाबुद्दीन जाएंगे जेल या बरकरार रहेगी बेल, फैसला टला ...अब सुनवाई 28 को

पटना [वेब डेस्क]। राजद के बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की जमानत (बेल) पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना सकता है। सिवान के चर्चित एसिड बाथ डबल मर्डर तथा इस मामले के गवाह हत्याीकांड में मिली जमानत के खिलाफ तीन अलग-अलग याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी, जो 28 सितंबर के लिए टल गई है।

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सुनवाई टलने पर याचिका दायर करने वाले चुदा बाबू ने प्रतिक्रिया में कहा है कि भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं। हम इंतजार करेंगे। इस बीच शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ तीन मुकदमों को ध्यान में रखते हुए राज्य प्रशासन ने सिवान और आसपास के जिलों की पुलिस को अलर्ट किया है। शहाबुद्दीन जमानत के बाद सिवान में ही हैं।

एसिड बाथ डबल मर्डर के गवाह हत्याकांड मेे मिली जमानत रद करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल चंदा बाबू व बिहार सरकार की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए पिछले सोमवार को शहाबुद्दीन से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि क्यों न आपकी जमानत रद कर दी जाए?

शहाबुद्दीन की ओर से प्रसिद्ध अधिवक्ता राम जेठमलानी को उनका पक्ष रखना था, लेकिन सोमवार को होने वाली सुनवाई टल गई है। शहाबुद्दीन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि उन्हें मुकदमे के सभी कागजात शनिवार तक मिले, इसलिए उन्हें विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए समय चाहिए। इसपर कोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि 28 सितंबर निर्धारित की।

इस बीच एसिड बाथ डबल मर्डर मामले में उम्रकैद की सजा निलंबित करने तथा जमानत देने के पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ भी चंदा बाबू की पत्नी कलावती देवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उसपर भी 28 सितंबर को सुनवाई हो सकती है।

7 सितंबर को मिली थी जमानत

चंदा बाबू के तीन पुत्रों की हत्या के आरोपी मो. शहाबुद्दीन को पटना हाइकोर्ट ने विगत 7 सितम्बर को जमानत दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पिनाकी चन्द्र घोष एवं न्यायाधीश अमिताभ राय की खंडपीठ ज़मानत दिए जाने के मामले पर सुनवाई कर रही है।

राज्य सरकार की ओर से नया वकील

राज्य सरकार ने एक सीनियर अधिवक्ता को सुप्रीम कोर्ट में खड़ा करने का फैसला किया है। अब राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता दिनेश द्विवेदी बहस में भाग लेंगे। उनके साथ अधिवक्ता गोपाल सिंह भी सुनवाई में सहयोग करेंगे। गोपाल सिंह ने पिछली बार सरकार का पक्ष रखा था।

शोएब अहमद व शेखरान करेंगे शहाबुद्दीन की पैरवी

मो. शहाबुद्दीन ने प्रसिद्ध अधिवक्ता राम जेठमलानी को अपना अधिवक्ता बनाया था, लेकिन व्यक्तिगत कारणों से जेठमलानी कोर्ट में मौजूद नहीं रहेंगे। शहाबुद्दीन ने कहा कि उनकी पैरवी सुप्रीम कोर्ट में शोएब अहमद और शेखरान करेंगे। उन्होंने कहा कि न्यायालय का उन्होंने हमेशा सम्मान किया है। उसके निर्णय का वे सम्मान करेंगे। जो भी फैसला होगा उसे वे स्वीकार करेंगे।

प्रशांत भूषण रखेंगे चंदा बाबू का पक्ष

पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की जमानत रद कराने के लिए राज्य सरकार के साथ-साथ सिवान के कारोबारी चंदा बाबू ने भी अलग से एक याचिका (विशेष अनुमति याचिका) सर्वोच्च न्यायालय में दायर कर रखी है। चंदा बाबू की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के वरीय वकील प्रशांत भूषण शहाबुद्दीन की जमानत रद कराने को लेकर बहस करेंगे।

कलावती देवी भी गईं कोर्ट

इस बीच एसिड बाथ डबल मर्डर व इसके गवाह की हत्या के दो मामलों में तीन बेटों को खो चुकीं चंदा बाबू की पत्नी कलावती देवी ने भी उम्रकैद वाले मामले में शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से शहाबुद्दीन की उम्रकैद को बहाल करते हुए इस मामले में जमानत रद करने की मांग की है।

हाईकोर्ट के फैसले को दी चुनौती

एसिड बाथ डबल मर्डर मामले में कलावती देवी ने पटना हाईकोर्ट के इस साल दो मार्च को आए फैसले को चुनौती देते हुए कहा है कि कोर्ट ने शहाबुद्दीन को अपील लंबित रहने के दौरान स्थायी जमानत दी। निचली अदालत ने इस डबल मर्डर में शहाबुद्दीन को फिरौती के लिए अपहरण और हत्या का दोषी पाकर उम्रकैद की सजा दी थी, जबकि चश्मदीद युवक की मौत के मामले में मुकदमा चल रहा है।

शहाबुद्दीन खतरनाक अपराधी

कलावती देवी ने अपनी याचिका में कहा है कि हाईकोर्ट ने इस तथ्य पर गौर नहीं किया कि शहाबुद्दीन एक खतरनाक अपराधी है, जिसे कानून की जरा भी परवाह नहीं है। इसमें आगे कहा गया है कि हत्या, अपहरण जैसे गंभीर अपराधों के दोषी को जमानत दे दी गई, जबकि उसके खिलाफ कई और मामलों में मुकदमे अभी चल रहे हैं।

कलावती देवी ने बिहार सरकार द्वारा शीर्ष अदालत में दिए गए हलफनामे के हवाले से अपनी याचिका में कहा है कि नवंबर 2014 तक शहाबुद्दीन के खिलाफ कम से कम 38 मामलो में मुकदमे लंबित थे। ये मामले हत्या, हत्या की कोशिश, खतरनाक हथियार से दंगा, वसूली सहित अन्यब संगीन अपराधों से जुड़े हैं।

इस याचिका पर भी आज हो सकती सुनवाई

इस याचिका को भी अधिवक्ता प्रशांत भूषण के जरिए दायर किया गया है। इस याचिका पर भी संभवत: 28 सितंबर को ही सुनवाई होगी।

10 सितंबर को रिहा हुआ थे शहाबुद्दीन

विदित हो कि पटना हाइकोर्ट द्वारा पिछले 11 वर्षों से भी अधिक समय से जेल में बंद मो. शहाबुद्दीन को गत 7 सितंबर को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया गया था। अपने तीन-तीन पुत्रों की मौत का सदमा झेलने वाले उस पिता के साथ खुद बिहार सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में पटना हाइकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसके तहत मो. शहाबुद्दीन को भागलपुर केंद्रीय कारा से विगत 10 सितंबर को रिहा किया गया था।

पुलिस बना चुकी गिरफ्तारी की रणनीति

यदि 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन की जमानत को रद करने का आदेश दिया तो इस बाहुबली पूर्व सांसद को तत्काल गिरफ्तार करने की रणनीति भी तैयार कर ली गई है। सिवान में विधि-व्यवस्था को बनाए रखने के सभी इंतजाम कर लिए गए हैं। सिवान में एसटीएफ का कमांडो दस्ता (चीता) के साथ आसपास के सभी जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल को अलर्ट कर दिया गया है।

पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड की जांच को सीबीआइ की एक टीम पिछले 10 दिनों से सिवान में कैंप कर रही है।


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